Highlights
- DRDO ने छोटी दूरी वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया
- यह मिसाइल समुद्र की सतह के बेहद करीब से उड़ान भरती हैं
- रक्षा मंत्री ने DRDO, नेवी और संबंधित टीमों की सराहना की
VL-SRSAM testing: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने मंगलवार को ओडिशा में एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR), चांदीपुर से सतह से हवा में मार करने वाली वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज मिसाइल (VL-SRSAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वर्टिकल लॉन्च क्षमता के प्रदर्शन के लिए एक उच्च गति वाले मानव रहित हवाई लक्ष्य के खिलाफ इंडियन नेवी के जहाज से उड़ान परीक्षण किया गया। स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर से लैस मिसाइलों ने उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदा।
जानें, इस मिसाइल की खूबियां
- इस मिसाइल में समुद्री-स्किमिंग लक्ष्यों सहित निकट सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने की क्षमता है।
- यह मिसाइल समुद्र की सतह के बेहद करीब से उड़ान भरती हैं और इस तरह इनका पता लगाना और बेअसर करना मुश्किल होता है।
- मिसाइल को 40 से 50 किमी की दूरी पर और लगभग 15 किमी की ऊंचाई पर उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है।
- इसका डिजाइन एस्ट्रा मिसाइल पर आधारित है जो कि एक विजुअल रेंज से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
DRDO ने किया डिजाइन
VL-SRSAM प्रणाली को डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। परीक्षण लॉन्च के दौरान, उड़ान पथ (फ्लाइट पाथ) और वाहन के प्रदर्शन मापदंडों (व्हीकल प्रफोर्मेस पैरामीटर्स) की निगरानी उड़ान डेटा का उपयोग करके की गई, जिसे विभिन्न रेंज के उपकरणों जैसे रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) और आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात टेलीमेट्री सिस्टम द्वारा कैप्चर किया गया। इस प्रक्षेपण की निगरानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL), अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI), हैदराबाद और आर एंड डी इंजीनियर्स, पुणे जैसे सिस्टम के डिजाइन और विकास में शामिल विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा की गई।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने VL-SRSAM के सफल उड़ान परीक्षण पर डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और संबंधित टीमों की सराहना की और कहा कि मिसाइल भारतीय नौसेना के लिए बेहतरीन साबित होगी। डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने भी सफल उड़ान परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी और कहा कि परीक्षण ने हथियार प्रणाली की प्रभावशीलता को साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह कदम समुद्री-स्किमिंग लक्ष्यों सहित निकट सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए भारतीय नौसेना को और मजबूत करेगा।