रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने एक और कारनाम कर दिखाया है। 21 अप्रैल के दिन बंगाल की खाड़ी में ओडिशा तट से sea-based endo-atmospheric interceptor missile का सफल परीक्षण किया गया है। इस परीक्षण का मकसद दुश्मन के बैलेस्टिक मिसाइल को हवा में मार गिराना है। इससे पहले डीआरडीओ ने भूमि आधारित बीएमडी सिस्टम का सफल परीक्षण किया था। इसके जरिए दुश्मन बैलेस्टिक मिसाइल को बेअसर किया जा सकेगा।
क्या है बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम
भारतीय बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा (BMD) कार्यक्रम का उद्देश्य बहु-स्तरीय बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली को विकसित करना व इसे तैनात करना है। इस सिस्टम में दो इंटरसेप्टर मिसाइलें शामिल हैं। भारत के अलावा ऐसी रक्षा प्रणाली अमेरिका, रूस, चीन और इजरायल के पास है। इस रक्षा प्रणाली के जरिए वायुमंडल में ही दुश्मन देश के बैलेस्टिक मिसाइल को निष्क्रिया किया जा सकेगा। बता दें कि इससे पहले भारतीय नेवी ने सतह से हवा में मार करने वाली मीडियम रेंज की मिसाइल MRSAM की सफल टेस्टिंग की थी।
डीआरडीओ और सेना का सफल प्रयास
INS विशाखापट्टनम से की गई मिसाइल की यह टेस्टिंग सफल रही। इसका मतलब है कि भारत की नौसेना दुश्मन के किसी भी पोत को इस मिसाइल द्वारा तबाह कर सकती है। MRSAM को संयुक्त रूप से DRDO और IAI ने डिवेलप किया है। गौरतलब है कि भारतीय सेना और डीआरडीओ ने बीते कुछ वर्षों में डिफेंस के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक हथियारों को विकसित किया है जो कि दुश्मन देशों के लिए काल बन सकता है। वहीं दुश्मन देशों द्वारा किए जाने वाले हमले को भी निष्क्रिय करने के काबिल हैं।