Highlights
- देश में ओमिक्रॉन के अबतक कुल 32 मामले दर्ज किये गए हैं
- बूस्टर खुराक के संबंध में वैश्विक वैज्ञानिक अध्ययनों पर नजर रख रहे हैं- डॉ. वी. के. पॉल
- 'मास्क पहनने में कमी चिंता का विषय है'
नयी दिल्ली: कोविड-19 से बचाव के लिए बच्चों को टीका दिए जाने के संबंध में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की ओर से अभी तक कोई सिफारिश नहीं की गई है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल ने शुक्रवार को यह बात कही। पॉल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘टीम इस संबंध में कई स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं का अध्ययन कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि एनटीएजीआई की अक्सर बैठकें होती हैं जहां इस बारे में व्यवस्थित रूप से गौर किया जा रहा है। हमें बच्चों के टीकाकरण पर अभी तक कोई सिफारिश नहीं मिली है। वे इस संबंध में तथा टीके के अन्य पहलुओं की जांच कर रहे हैं।’’ देश में ओमिक्रॉन के अबतक कुल 32 मामले दर्ज किये गए हैं, जिससे चिंता बढ़ती जा रही है।
बूस्टर खुराक को लेकर दी अहम जानकारी
वयस्कों के लिए टीके की बूस्टर खुराक से जुड़े एक सवाल पर पॉल ने कहा, ‘‘हम इस संबंध में वैश्विक वैज्ञानिक अध्ययनों पर नजर रख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि बूस्टर खुराक पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोई रुख नहीं अपनाया है। पॉल ने कहा, ‘‘इस पर विचार हो रहा है। लेकिन डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट रूप से प्राथमिक टीकाकरण को सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता के रूप में पूरा करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। हमारी सोच, दृष्टिकोण भी उसी नजरिए से जुड़ा हुआ है कि हमें दोनों खुराक के साथ सभी लोगों के टीकाकरण का कार्य पूरा करना है।’’
मास्क पहनने वालों में कमी आयी है- डॉ. वीके पॉल
नीति आयोग के सदस्य डॉ.वी के पॉल ने कहा कि ओमिक्रॉन (Omicron) के इलाज के लिए वही प्रोटोकॉल होगा, जो डेल्टा वैरियंट में इलाज के लिए था। मास्क पहनने पर एक सर्वे को लेकर डॉ. पॉल ने कहा कि सितंबर से अब तक मास्क पहनने वालों में कमी आयी है। मास्क पहनने में कमी चिंता का विषय है। सभी राज्यों से अस्पताल में बेड बढ़ाने के लिए कहा गया है, अस्पतालों में बेड की जानकारी ऑनलाइन की जाए। ऑक्सीजन प्लांट का सही ढंग से उपयोग हो। एम्बुलेंस की व्यवस्था को सुनिश्चित की जाए। डॉ.वी के पॉल ने कहा कि एस-जीन ड्रॉप होना ओमिक्रॉन का संभावित संकेतक हो सकता है। ओमिक्रॉन के कुछ ही मामले सामने आए हैं, हम अभी इसके बारे में सीख रहे हैं। हम जीनोम सिक्वेंसिंग करके ही ओमिक्रॉन की पुष्टि कर रहे हैं, यही हमारी अप्रोच रहेगी। देश में ओमिक्रॉन के अबतक कुल 32 मामले दर्ज किये गए हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा ओमिक्रॉन के 17 मामले सामने आ चुके हैं।