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केदारनाथ, बद्रीनाथ समेत चारों धामों के कपाट होने लगे हैं बंद, जानें तारीखें

3 मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा अब अपने समापन की ओर है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बार 42 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने यात्रा में हिस्सा लिया।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: October 26, 2022 14:23 IST
Kedarnath, Badrinath, Kedarnath Kapat Band, Badrinath Kapat Band- India TV Hindi
Image Source : PTI इस बार चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

देहरादून: अक्षय तृतीया के मौके पर तीन मई 2022 को चारधाम यात्रा की शुरूआत हुई थी, और अब इनके कपाट बंद होने की तारीखें भी दूर नहीं हैं। सर्दियों को देखते हुए चारों धामों के कपाट बंद होने शुरू हो गए हैं। बता दें कि इस बार चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुल मिलाकर 42 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने चारधाम यात्रा में हिस्सा लिया था। लोगों में इस बार चारधाम यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला था।

जानें कब बंद होंगे इन धामों के कपाट

सबसे पहले अन्नकूट पर्व पर 26 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट कपाट 12 बजकर 1 मिनट पर सर्दियों के लिए बंद हो जाएंगे। इसके बाद 27 अक्टूबर सुबह 8 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। यमुनोत्री धाम के कपाट भी 27 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर को बंद हो जाएंगे। सबसे आखिर में 19 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 35 मिनट श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शुक्रवार 18 नवंबर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 7 नवंबर को बंद होंगे।

पंचांग गणना के बाद तय हुई तारीख
बता दें कि विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी के अवसर पर विधि-विधान पंचांग गणना के बाद तय हुई थी। बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पंच पूजाओं में 15 नवंबर मंगलवार को पहले दिन पूजा अर्चना के बाद शाम को श्री गणेश जी के कपाट बंद हो जाएंगे। दूसरे दिन 16 नवंबर बुधवार को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे, तीसरे दिन गुरुवार 17 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन एवं वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जाएगा।

20 नवंबर को प्रस्थान करेंगी देवडोलियां
चौथे दिन शुक्रवार 18 नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा। पांचवें दिन 19 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष में मां लक्ष्मी को श्री बदरीविशाल के निकट स्थापित करेंगे। इससे पहले श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी मंदिर प्रांगण में आएंगे और श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। यहां से कुबेर जी रात्रि अवस्थान हेतु बामणी गांव जाएंगे, जबकि उद्धव जी रावल मंदिर के निकट रहेंगे। दिनांक 20 नवंबर को देवडोलियां बदरीनाथ धाम से पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ हेतु प्रस्थान करेंगी।

ऊखीमठ में होगी केदारनाथ की शीतकालीन पूजा
आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 20 नवंबर को रावल सहित योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर प्रवास करेगी। 21 नवंबर सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन भी हो जाएगा। इसी तरह कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली 27 अक्टूबर को फाटा, 28 अक्टूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 29 अक्टूबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ की शीतकालीन पूजा शुरू हो जाएंगी। (IANS)

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