Highlights
- रेबीज से 20 हजार लोगों की मौत हो जाती है
- साल 2021 में 17 लाख लोगों पर जानवरों ने हमला किया था
- 36 फीसदी मामले हैं
Dogs Attack: हाल ही में आपने देखा होगा कि एक सोसयाटी के लिफ्ट में एक कुत्ते ने छोटे बच्चे को काट लिया था। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था। उस वीडियो में साफ देखा जा सकता था कि कैसे कुत्ते के काटने के बाद महिला ने बच्चे को बचाने की कोशिश भी नहीं की। बच्चा दर्द चीखता रहा है लेकिन महिला को जरा सी भी दया नहीं आई कि उसके दर्द पर मलहम लगा दिया जाए। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने महिला के ऊपर एफआईआर दर्ज कर ली है। ये मामला अभी खत्म हुआ ही नहीं था कि एक वीडियो महाराष्ट्र से देखने को मिल गई।
पहले गाजियाबाद अब महाराष्ट्र
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता था कि डॉग ने सीधे डिलीवरी ब्वॉय के निजी पार्ट को अपने मुंह में भर लिया और दांत से काटकर उसे खून से लथपथ कर दिया। डिलीवरी ब्वॉय ने कभी सोचा भी नहीं रहा होगा कि डॉग उसके निजी पार्ट पर ही हमला बोल देगा। मगर खून से लहूलुहान होने के बाद डिलीवरी ब्वॉय अपने निजी अंग को संभालते हुए मदद के लिए काफी देर तक तड़पता रहा। बाद में कुछ लोगों ने देखा तो दौड़कर घायल को नजदीकी अस्पताल ले गए। जहां डाक्टर भी डिलीवरी ब्वॉय की यह हालत देखकर हैरान रह गए। आनन-फानन में डिलीवरी ब्वॉय़ का डाक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया है, लेकिन डॉग में निजी अंग में बहुत ज्यादा घाव पहुंचा दिया है, जिसे ठीक होने में काफी वक्त लग सकता है।
हर साल इतनी होती है मौत
हर साल भारत में रेबीज से 20 हजार लोगों की मौत हो जाती है। दुनिया की मुकाबले बात करे तो ये करीब 36 फीसदी मामलें हैं। इसी साल जनवरी से लेकर 22 जुलाई तक 14.50 लाख लोग जानवरों के आतंक के शिकार हो गए हैं। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि अगर रफ्तार इस तरह से बढ़ती रही तो ये संख्या 24 लाख पार कर जाएगा। वही आपको बता दें कि साल 2021 में 17 लाख लोगों पर जानवरों ने हमला किया था।
सबसे अधिक मामले 2019 में
मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री परसोत्तमभाई रूपला ने लोकसभा में जानकारी दिया था कि साल 2019 से जुलाई के बीच लगभग 1.45 करोंड लोग जानवर का शिकार हो गए थे। इनमें सबसे अधिक केस में 2019 में पाए गए। 2019 में लगभग 72.77 लाख लोगों पर जानवरों ने आत्मघाती हमला किया था। वहीं 2020 में 46.33 लाख और 2021 में 17 लाख लोग जानवरों के आतंक के चपेट में आए थे। अब इस साल की बात करें तो जुलाई तक 14.50 लाख लोग जानवरों का शिकार बन गए हैं।
दुनिया में भारत नंबर वन
भारत में सबसे अधिक कुत्तों के काटने मामले सामने आते हैं। इन कुत्तों के काटने से भयानक बिमारी रेबीज के चपेट में इंसान आ जाते हैं। Who के मुताबिक, दुनियाभर में रेबीज से सबसे अधिक कहीं मौत होती है तो वो भारत में होती है। हर साल लगभग 18 हजार से लेकर 20 हजार लोगों की मौत होती है। ये आकंड़े काफी चिंताजनक है। इन आकंड़ो में सबसे अधिक बच्चों की होती है।
भारत सरकार 2030 तक देश से रेबीज उन्मूलन का कार्यक्रम चला रही है। देश में आवारा कुत्तों की बात करें तो सरकार ने लोकसभा में बताया था कि 2019 करीब 1.5 करोड़ थी। जो कि 2021 की तुलना में करीब 18 लाख की कमी पाई गई है। भारत के उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक आवारा कुत्तें है तो इसके बाद उड़ीसा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में है। वही पिछले सात सालों में उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्ते कम हुए हैं।