Highlights
- जानें Home Isolation में कैसे करें इलाज
- 'अगले 2 हफ्तों में क्या होगा, अभी नहीं कह सकते हैं'
- बुखार बढ़े तो पानी से सिंकाई कर लें
Omicron Variant Affect Lungs: देश-दुनिया में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। ओमिक्रॉन के खतरे के बीच देश में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कई गुना ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। ओमिक्रॉन वैरिएंट भी डेल्टा की तरह लंग्स को नुकसान पहुंच रहा है, इसको लेकर दिल्ली एम्स के डॉक्टर अंजन त्रिखा ने जानकारी दी है। साथ ही डॉक्टर ने होम आइसोलेशन के मरीजों को विशेष सलाह दी है। WHO के मुताबिक, दुनिया में तबाही मचाने वाला कोरोना का डेल्टा वायरस 9 बार म्यूटेशन कर ताकतवर हो गया था, लेकिन नया वायरस ओमिक्रॉन लगभग 32 बार म्यूटेशन कर चुका है।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लंग्स (Lungs) पर सबसे ज्यादा वायरस का प्रभाव देखा गया था, इस बार कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट भी लंग्स को प्रभावित करता है? इस पर डॉक्टर अंजन त्रिखा ने कहा कि जिस तरह डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) लंग्स (Lungs) को प्रभावित कर रहा था, अभी तक उस तरह ये ओमिक्रॉन (Omicron) नहीं कर रहा है, ये लंग्स के ऊपरी हिस्से में ही रहकर अपना असर दिखा रहा है, गले में खराश हो रही है, खांसी आ रही है और इन्फेक्शन के कारण बुखार हो रहा है, मांसपेशियों में दर्द हो रही है, तो लंग्स पर अभी उतना प्रभाव हमें नहीं दिख रहा है। बहुत ही मामूली संख्या में लोग हैं जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, वो भी इसलिए क्योंकि उनको पहले ही फेफड़ों की बीमारी थी, किसी को ब्रॉन्कियल अस्थमा (Bronchial Asthama) था, किसी को फेफड़ों का ही कैंसर था, तो ऐसे लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। तो ये ओमिक्रॉन स्ट्रेन (Omicron Strain) लंग्स को अभी तक प्रभावित नहीं कर रहा है, अगले दो हफ्तों में क्या होगी, अभी नहीं कह सकते हैं।
लंग्स में जाने के बाद खतरा
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 32 से 40 वैरिएशन होने पर ओमिक्रॉन की पुष्टि की जाती है। यदि ओमिक्रॉन वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन के एस मार्कर को स्किप नहीं कर चिपक जाता है तो वायरस लंग्स में चला जाएगा। इसके बाद यह जानलेवा साबित हो सकता है।
इस बार संक्रमण के इलाज के लिए क्या प्रोटोकॉल्स (Protocols) हैं?
'इस बार संक्रमण के इलाज के लिए क्या प्रोटोकॉल्स (Protocols) हैं?' सवाल पर डॉक्टर अंजन त्रिखा ने कहा कि धीरे-धीरे पिछले 2 सालों में हम इस बीमारी के बारे में बहुत कुछ जान पाए हैं और ऐसे बहुत सारे इलाज हैं जो शुरू हुए थे, फिर धीरे-धीरे हमें पता चला कि उनकी जरूरत नहीं है। तो आप ओमिक्रॉन (Omicron) के साथ जो इन्फेक्शन (Infection) हो रहा है, इसमें जो लोग होम आइसोलेशन (Home Isolation) में हैं, उनको बुखार बढ़े तो पानी से सिंकाई कर लें और सिंपटोमैटिक (Symptomatic) इलाज करें। पिछली लहर के दौरान लोग जो विटामिन सी (Vitamin C), जिंक (Zinc) और ऐसी बहुत सारी दवाइयां खा रहे थे, और इतनी तादाद से खा रहे थे कि ये दवाइंया बाजार में मिलनी मुश्किल हो गई थीं, अब उन दवाइयों की सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार जरूरत नहीं है जब तक कि किसी और वजह से न खानी पड़े। अगर पैरासिटामोल लेने के बाद भी बुखार ठीक नहीं होता है, तो 3-4 दिन हो गए हैं तो अपने डॉक्टर से बात कीजिए, अगर सांस लेने में तकलीफ हो या आपका सैचुरेशन लेवल (Saturation Level) गिरे तब आप डॉक्टर से बात कीजिए या अस्पताल जाइए।