Highlights
- इस ब्रांड की शुरुआत लुधियाना से हुई
- इस कंपनी की स्थापना 1949 में विद्यासागर ओसवाल ने की
- साल 1984 में ओसवाल मिल के मालिक ने तय किया
Monte Carlo: भारत के लोग शुरू से ही खाने-पीने और पहनने को लेकर शौकीन रहे हैं। वर्तमान में बात करें तो आज यह चलन और भी तेज हो गया है। जब भी खाने पीने की बात होती हो या अच्छे कपड़े पहनने की बात होती हो तो आप अक्सर ब्रांड की तरफ देखते हैं। कई ऐसे ब्रांड होते हैं जो आपकी फेवरेट भी होती है उनमें से एक मोंटे कार्लो भी हो सकता है तो क्या आप मोंटे कार्लो के बारे में जानते हैं। हमें जहां तक लगता है आप सोच रहेंगे होंगे कि नाम से मोंटे कार्लो कोई विदेशी ब्रांड होगा लेकिन ऐसा सोच रहे हैं तो रुक जाइए। आप गलत सोच रहे हैं। मोंटे कार्लो शुद्ध देसी ब्रांड है।
कैसे नाम पड़ा मोंटे कार्लो
कपड़ों के मामले में मोंटे कार्लो लीडिंग ब्रांड्स में शामिल है। इस ब्रांड की शुरुआत लुधियाना से हुई। पंजाब के लुधियाना स्थित नाहर ग्रुप ऑफ़ कंपनीज इस ब्रांड की मालिक हैं। इसे ओसवाल वूल मिल भी कहा जाता है। इस कंपनी की स्थापना 1949 में विद्यासागर ओसवाल ने की थी। नाम से आपको लग रहा होगा कि ओसवाल वूलन मिल है तो विंटर के कपड़े बनाए जाते होंगे। एकदम बिल्कुल कंपनी की शुरुआती दौर में विंटर के कपड़े बनाया करती थी लेकिन उस समय ब्रांड के तौर पर लांच नहीं किया गया था। साल 1984 में ओसवाल मिल के मालिक ने तय किया कि इन गर्म कपड़ों को एक ऐसा नाम दिया जाए जो पूरे भारत में ब्रांड के तौर पर देखा जाए। जिसके बाद कंपनी ने मोंटे कार्लो नाम रखा।
बाद में बनाने लगा ऑल सीजन कपड़ा
अब यह भारत का एक प्रतिष्ठित ब्रांड बन चुका है। इसके अलावा विदेशों में भी मोंटे कार्लो के कपड़ों को खूब पसंद किया जाता है। आपको बता दें कि ब्रांड बनते ही मोंटे कार्लो ने 1 साल के अंदर ही ढाई करोड़ का टर्नओवर किया था। जो कंपनी पहले विंटर कपड़े बनाया करती थी। उसे अब लगा कि ऑल सीजन कपड़े बनाने की जरूरत है। इसके बाद monte-carlo धीरे धीरे ऑल सीजन कपड़े बनाने लगा। ऑल सीजन यानी कि सभी मौसम के कपड़े मोंटी कार्लो द्वारा बनाया जाने लगा।
पश्चमी देशों में धूम
मोंटे कार्लो कंपनी दावा करती है कि उसके कपड़े काफी आरामदायक और टिकाऊ होते हैं। कपड़ों को लेकर पश्चिम देशों से लेकर पूरे भारत में लोग विश्वास करते हैं। कई लोगों का मानना है कि मोंटे कार्लो जैसे विंटर का कपड़ा बनाती है उस प्रकार से कोई भी कंपनी कपड़े नहीं बना पाती है।फिलहाल मोंटे कार्लो कि कंपनी की जिम्मेदारी ओसवाल परिवार की तीसरी पीढ़ी संभाल रही है। ऋषभ ओसवाल इस कंपनी के कार्यकारी निदेशक है। ऐसा माना जाता है कि अपने युवा सोच से ऋषभ कंपनी को और भी आगे ले जाने में सक्षम है। 2022 में कंपनी का मोटा-मोटी टर्नओवर 904.32 करोड़ तक रहा।