भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष और कोयंबटूर दक्षिण से विधायक वनथी श्रीनिवासन ने ईडब्ल्यूएस कोटे लेकर द्रमुख नेता की तरफ से दिए गए बयान का जवाब दिया है। उन्होंने शनिवार को तमिलनाडु में समाज के अनारक्षित वर्गों के उच्च शिक्षा हासिल करने वाले और सरकारी नौकरी पाने वालों की संख्या पर एक श्वेत पत्र की मांग की। वह द्रमुक नेता आरएस भारती द्वारा भाजपा को दी गई उस चुनौती पर टिप्पणी कर रही थीं, जिसमें उससे उन समुदायों की सूची जारी करने के लिए कहा गया था जो आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण से लाभान्वित होने जा रहे हैं।
भारती ने यह भी कहा था कि कोटा से केवल एक विशेष वर्ग को लाभ होगा। उच्चतम न्यायालय ने सात नवंबर को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत कोटा बरकरार रखते हुए कहा था कि यह भेदभावपूर्ण नहीं है और संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता। श्रीनिवासन ने कहा कि द्रमुक यह कहकर समाज के बीच नफरत फैलाने की कोशिश कर रहा है कि ईडब्ल्यूएस कोटे से केवल ब्राह्मण समुदाय को फायदा होगा और यह वैसा ही है जैसा कि अतीत में जर्मन तानाशाह एडॉल्फ हिटलर ने यहूदियों के साथ किया था।
दायरे में नहीं आने वाले समुदायों के बारे में बताया
उन्होंने पूछा कि क्या भारती यह स्थापित करना चाहते हैं कि केवल ब्राह्मण ही आरक्षण के दायरे में नहीं आते हैं। श्रीनिवासन ने रेखांकित किया कि शैवा वेल्लालर, करकथा वेल्लालर, नंजिल वेलालर, अरुणट्टू वेल्लालर, शैवा मुदलियार, शैवा चेट्टियार (वेल्लालर) और मुदलियार, चेट्टियार, रेड्डीयार, नायडू जैसे लगभग 60 समुदाय आरक्षण श्रेणी में शामिल नहीं हैं।
आरएस भारती से आरक्षण को लेकर पूछा तीखा सवाल
उन्होंने भारती से सवाल किया, ‘‘क्या आप कह रहे हैं कि इन जाति समूहों में कोई गरीब नहीं है और ये सभी अमीर हैं?’’