Imran Khan Protest Pakistan & CAA-NRC India Connection: भारत में सीएए-एनआरसी के विरोध में दिल्ली से लेकर हर राज्य में हुए प्रोटेस्ट का पाकिस्तान से सीधा कनेक्शन सामने आया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की शनिवार को रावलपिंडी में हुई रैली के दौरान सीएए-एनआरसी और कश्मीर फाइल्स के खिलाफ हुए देश विरोधी प्रोटेस्ट का राज खुल गया है। इमरान खान की इस रैली का वह वीडियो तेजी से वायरल भी हो रहा है, जिसका सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट से सीधा नाता देखने को मिल रहा है।
आपको बता दें कि अपने देश में सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट का दिल्ली का शाहीन बाग केंद्र बना हुआ था। देश के अन्य राज्यों में सरकार विरोधी और देश विरोधी समस्त गतिविधियां यहीं से संचालित की जा रही थीं। इस प्रोटेस्ट के दौरान कई जगह पर देश विरोधी नारे लगाते लड़कों और लड़कियों के वीडियो भी वायरल हुए थे। साथ ही प्रोटेस्ट के दौरान युवक-युवतियों को फैज अहमद फैज का लिखा गीत .."हम देखेंगे...लाजिम है के हम भी देंखे, वो दिन के जिसका वादा है..जो लौह-ए-अजल में लिक्खा है..हम देखेंगे। जब जुल्म-ओ-सितम के कोह-ए-गरां, रुई की तरह उड़ जाएंगे,,,,हम महकूमो के पांव तले, जब धरती धड़ धड़ धड़केगी और अहल-ए-हिकम के सर ऊपर जब बिजली कड़ कड़ कड़ेगी हम देखेंगे..." को गाते सुना गया था। युवक-युवतियों ने ..हम देखेंगे के गीत को सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल किया था। इसके बाद कश्मीर फाइल्स के विरोध के दौरान भी यही गाना प्रदर्शनकारियों ने गाया था।
इमरान की रैली में भी बज रहा सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट वाला गीत
पाकिस्तान की गलियों में इमरान खान की रैली के दौरान भी सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट वाला यही गीत बजता देखा जा रहा है। शनिवार को पूर्व पीएम इमरान खान की रावलपिंडी में रैली हुई, जिसमें भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। इस दौरान वही गाना गाते और बजाते लोगों को देखा गया, जो सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट के दौरान दिल्ली और अन्य जगहों पर गाया जा रहा था। पाकिस्तान में इमरान खान की रैली में बज रहा यही गाना कश्मीर फाइल्स के खिलाफ हुए प्रोटेस्ट के दौरान भी गाया जा रहा था। ऐसे में लोगों के मन में पाकिस्तानी कनेक्शन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पाकिस्तान और हिंदुस्तान के प्रोटेस्ट में एक ही गीत क्यों
लोगों के मन में यही सवाल उठ रहा है कि भारत में हुए सीएए और एनआरसी प्रोटेस्ट में गाया गया गीत अब पाकिस्तान में हो रहे प्रोटेस्ट में भी क्यों गाया जा रहा है। क्या इन दोनों प्रोटेस्ट में शामिल हुए लोगों की विचारधारा एक ही थी। क्या सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट को पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा था?...अगर नहीं तो दोनों विरोध प्रदर्शनों में यह समानता क्यों है। आखिर कुछ तो वजह होगी, जो दोनों जगहों पर होने वाले प्रोटेस्ट में यह समानता ला रहा है। क्या सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट के दौरान यह गीत पाकिस्तान के ही इशारे पर गाया जा रहा था?...क्या भारत में हुआ सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट को पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा था....इत्यादि ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब अब जांच एजेंसियां जरूर खोजेंगी। मगर सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट के इस पाकिस्तानी कनेक्शन को लेकर कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं।