Highlights
- भूकंप के झटके धीमे हो जाते हैं
- समुद्र तल के दबाव का लगभग 1.4 अरब गुना था
- 3,776 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया गया
Diamond: महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद कोहिनूर हीरे की काफी चर्चा होनी लगी है। वैसे तो हिरा दुनिया का सबेस मुल्यवान पदार्थ होता है। इसकी कीमत इतनी होता है कि हर कोई हीरे से बने ज्वेलरी को खरीद नहीं पाता है। आज हम जानने की कोशिश करेंगे कि ये हीरे कहां से आते हैं। आपको बता दें कि हीरे पृथ्वी के अंदर पाए जाते हैं लेकिन वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं कि पृथ्वी के कई सतहों के भीतर हीरा का खान है। यहां हीरे पथ्वी के अदंर होने वाले प्राकृतिक घटनाओं से बनते हैं। वहीं एक प्रयोगशाला प्रयोग में पाया गया है कि लोहे, कार्बन और पानी के संयोजन से उच्च तापमान और दबाव में मेंटल के मूल रूप से हीरे बनाए जा सकते हैं। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि कोर-मेंटल के बीच ये तीन चीजें पाई जाती हैं और अगर यही प्रोसेस पृथ्वी के अंदर होती है तो वहां हीरे बनते होंगे अगर ऐसा होता है तो धरती पर हम प्रयोगशाला में हीरे बना सकते हैं। आइए समझते हैं कि कैसे वैज्ञानिकों प्रयोगशाला में किस तरह से प्रयोग किया था।
पूरा प्रोसेस क्या है?
एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी के भू-वैज्ञानिक और अध्ययन के प्रमुख लेखक सांग-हेन शिम ने बताया कि निष्कर्ष कोर-मेंटल सीमा पर अजीब संरचनाओं को समझने में भी मदद कर सकते हैं, जहां भूकंप के झटके धीमे हो जाते हैं। "जहां कोर-मेंटल मिलते हैं, पिघला हुआ लोहा और पत्थर सभी आपसे में रगड़ाते रहते हैं लेकिन यहां प्रेशर बहुत ज्यादा होता है, जिसके के कारण यहां अजीबोगरीब रिक्शन देखने को मिलता है। वहीं इस तरह के प्रोसेस पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में कोर-मेंटल सीमा में मिली वस्तुओं को एक साथ लाया। इसके बाद उस पर करीब 140 गीगापास्कल तक प्रेशर बनाया। यह दबाव समुद्र तल के दबाव का लगभग 1.4 अरब गुना था साथ ही, शोधकर्ताओं ने बताया कि 3,776 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया गया।
इस तरह से हीरे में बदल जाता है मेटल
'हमने पत्थर और तरल के बीच एक हीरा बनते देखा। उन्होंने आगे कहा कि उच्च दाब के कारण हाइड्रोजन और ऑक्सीजन अलग हो गए। अधिकांश कोर पिघला हुआ लोहा है। हाइड्रोजन लोहे की ओर बढ़ने रही थी और कोर बाद में मिल गई जबकि मेंटल में ऑक्सीजन पाई गई। शिम ने आगे बताया कि इस प्रक्रिया के बाद ऐसा प्रतीत होता है जैसे हाइड्रोजन अन्य हल्के तत्वों को कोर से धकेल रहा है। इसमें कार्बन भी होता है। इसके बाद कार्बन कोर को छोड़कर मेंटल की ओर चला जाता है लेकिन दोनों के बीच का दबाव अटक जाता है और फिर हीरे में बदल जाता है।