Highlights
- छात्रा ने क्लास के दौरान पीरियड आने पर क्लास टीचर से मांगी सहायता
- टीचर ने सैनिटरी पैड के लिए पहले 10 रुपये जमा करने को कहा
- छात्रा की मां ने जिला शिक्षा अधिकारी के पास की लिखित शिकायत
Dhanbad News: झारखंड के धनबाद स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल में सैनिटरी पैड के लिए एक छात्रा को अमानवीय परेशानी झेलनी पड़ी। इस मामले पर शिक्षा विभाग ने जांच बिठाई है। विभाग के अफसरों ने स्कूल पहुंचकर इस बारे में प्रबंधन, शिक्षिकाओं और पीड़ित छात्रा एवं उसके मां-पिता से बात की है। धनबाद के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा है कि जांच रिपोर्ट मिलते ही इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। घटना बीते 16 सितंबर की है।
जानें, क्या है पूरा मामला
धनबाद पब्लिक स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़नेवाली एक छात्रा ने क्लास के दौरान पीरियड आने पर क्लास टीचर से सहायता मांगी। उसके पास सैनिटरी पैड नहीं था। क्लास टीचर ने उसे स्कूल के ऑफिस कक्ष में जाकर पैड लेने को कहा। छात्रा का कहना है कि उसने जब ऑफिस में जाकर वहां मौजूद शिक्षिका से सैनिटरी पैड मांगा तो उन्होंने कहा कि इसके लिए पहले 10 रुपये जमा करने होंगे। इसपर छात्रा ने टीचर से आग्रह किया कि उसे पहले पैड दे दिया जाये ताकि वह वॉशरूम जाकर सहज हो सके। इसके बाद वह क्लास में अपने स्कूल बैग से पैसे लाकर जमा कर देगी। टीचर ने इनकार कर दिया और उसे पहले 10 रुपये लेकर आने को कहा।
फर्स्ट एड की सुविधा फ्री है तो पैड के लिए पैसे क्यों मांगे गए?
आखिरकार छात्रा वापस दूसरे तल पर स्थित क्लास में पहुंची और जब उसने वहां से वापस आकर 10 रुपये लाकर दिए तो उसे सैनिटरी पैड दिया गया। इस दौरान उसे असहज स्थिति से गुजरना पड़ा। घर पहुंचकर छात्रा ने परिजनों को घटना की जानकारी दी तो उसकी मां ने जिला शिक्षा अधिकारी के पास इसकी लिखित शिकायत की है। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी जांच टीम ने हासिल किया है। टीम ने स्कूल प्रबंधन से पूछा कि जब स्कूल में फर्स्ट एड की सुविधा फ्री है तो छात्रा से पैड के लिए पैसे क्यों मांगे गए?
स्कूल प्रबंधन ने मानी गलती
छात्रा की मां ने जांच कमेटी के सामने कहा कि जब स्कूल में छात्राओं के पैसे लाने पर पाबंदी है तो उनकी बेटी से 10 रुपये जमा करने को क्यों कहा गया? अगर उसके पास पैसे नहीं होते तो क्या उसे पैड उपलब्ध नहीं कराया जाता? स्कूल प्रबंधन ने माना है कि छात्रा से 10 रुपये लेने के बाद ही पैड उपलब्ध कराया गया और इसमें चार मिनट की देर हुई। प्रबंधन ने इसे लेकर संबंधित टीचर को शो-कॉज भी किया है, जिसपर उन्होंने कहा है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी।