Highlights
- झारखंड के धनबाद के न्यायाधीश की हत्या का मामला
- पिछले साल आटो से टक्कर मारकर हुआ था मर्डर
- जांच एजेंसी को दिया जाएगा व्हाट्सऐप चैट का विवरण
रांची: झारखंड के धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की सुबह की सैर के समय पिछले साल जुलाई में आटो से टक्कर मारकर की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए व्हाट्सऐप कंपनी मामले से जुड़े व्हाट्सऐप चैट का पूरा विवरण जांच एजेंसी केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को देने को तैयार हो गयी है। झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रविरंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ को आज व्हाट्सऐप की ओर से पेश उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने यह जानकारी दी।
सिब्बल ने कहा कि व्हाट्सऐप धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के राज को उजागर करने के लिए जो भी मदद आवश्यक होगी वह देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि इसके लिए संबद्ध व्हाट्सऐप चैट का विवरण भी जांच एजेंसी को साझा किया जायेगा। मामले की सुनवाई के दौरान पिछले सप्ताह जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि हत्या के इस मामले में उसे एक महत्वपूर्ण व्हाट्सऐप चैट का पता चला है लेकिन व्हाट्सऐप कंपनी निजता की बात कहकर उसका विवरण देने को तैयार नहीं है, लिहाजा उसे यह विवरण देने के निर्देश दिये जायें।
इस मामले की पिछली सप्ताह हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अदालत को बताया गया था कि जांच में एक शख्स से व्हाट्सऐप में चैट किए जाने की बात सामने आयी है। उसने बताया कि इस चौटिंग का ब्योरा जांच के लिए जरूरी है। उच्च न्यायालय से इससे संबंधित डाटा उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया था। इस पर हाई कोर्ट ने व्हाट्सऐप के इंडिया हेड को नोटिस जारी करके जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
अदालत में सीबीआई ने बताया कि इस मामले में जांच जारी है और कुछ नए साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। उसने कहा कि इसी सिलसिले में व्हाट्सऐप चैट का ब्योरा मांगा गया था और ब्यौरा मिलने के बाद जांच में और तेजी आएगी। सीबीआई ने बताया कि इस मामले की जांच एजेंसी की एक नयी टीम कर रही है इसलिए उसे थोड़ा और समय दिया जाए। इस मामले में सीबीआई पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सुनवाई अगले सप्ताह निर्धारित करते हुए सीबीआई को मामले की जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की पिछले वर्ष जुलाई में मृत्यु हो गयी थी। मृत्यु के बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया था और हाई कोर्ट हर सप्ताह इसकी सुनवाई कर रहा है और इसकी निगरानी कर रहा है। वहीं, सीबीआई हर सप्ताह अदालत को सीलबंद लिफाफे में प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश कर रही है। न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत पिछले वर्ष 28 जुलाई को सुबह की सैर के दौरान एक ऑटो के टक्कर मारने से हुई थी।
राज्य सरकार ने इस घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जिसके बाद सीबीआई ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी थी लेकिन अब तक इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता का पता नहीं चल सका है। सीबीआई ने आटो चालक और उसके सहयोगी लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा को तत्काल गिरफ्तार कर लिया था लेकिन अब तक उनसे हत्या के पीछे के कारण को नहीं उगलवाया जा सका है।