उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता पर विधेयक पेश कर दिया है। इस दौरान विधानसभा में जय श्री राम के नारे लगे। दोपहर 2:00 बजे से विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी। वहीं, इस बिल को लेकर विपक्ष विधानसभा में ही धरना दे रहा है। UCC बिल का कांग्रेस और मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भारतीय संविधान की एक प्रति के साथ विधानसभा पहुंचे। उत्तराखंड कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी है। ड्राफ्टिंग कमेटी ने UCC के ड्राफ्ट को 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था। सोमवार से उत्तराखंड विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। अब ड्राफ्ट सदन में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा, "समान नागरिक संहिता की लंबे समय से सबको प्रतीक्षा थी। बहुत जल्द सबकी प्रतीक्षा समाप्त हो रही है। मंगलवार को हम इसे विधानसभा में पेश करेंगे और आगे इस पर चर्चा होगी। मेरा अन्य दलों के साथियों से भी अनुरोध है कि इस चर्चा में सकारात्मक रूप से भाग लें।"
2 लाख 33 हजार लोगों ने अपने विचार दिए
यूसीसी पर चार खंडों और 740 पृष्ठों के ड्राफ्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था। इसके बाद उत्तराखंड कैबिनेट ने रविवार को यूसीसी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। यूसीसी को लेकर 2 लाख 33 हजार लोगों ने अपने विचार दिए थे। ड्राफ्ट में करीब 10 फीसदी परिवारों के विचारों को सम्मिलित किया गया है।
UCC बिल से क्या-क्या बदल सकता है?
- शादी की उम्र- 18 साल से पहले लड़कियों की शादी नहीं हो पाएगी
- शादी का रजिस्ट्रेशन- विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा
- तलाक पर समान अधिकार- तलाक के लिए पति-पत्नी को बराबर का हक
- बहु विवाह पर रोक- एक पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं
- लिव इन रिलेशन- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन देना जरूरी
- जनजातियां- अनुसूचित जनजातियों के लोग यूसीसी से बाहर रहेंगे
सदन में बीजेपी के पास बहुमत
सदन में बीजेपी के पास बहुमत है, इसलिए यूसीसी के विधेयक का पारित होना तय माना जा रहा है। बीजेपी के सदन में 47 विधायक हैं। साथ ही उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। UCC ड्रॉफ्टिंग कमेटी ने 72 बैठकें की हैं। माना जा रहा है ड्राफ्ट में पारंपरिक रीति रिवाज से छेड़छाड़ नहीं की गई है और यह पूरा ड्राफ्ट महिला केंद्रित होगा। साथ ही संभावना जताई जा रही है कि इससे बहुविवाह पर रोक लगेगी।
2024 के चुनाव का गेमचेंजर फैसला
धामी सरकार का ये कदम 2024 के चुनाव से पहले गेमचेंजर साबित हो सकता है। वहीं कुछ संगठन बिल के विरोध में हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बिल से किसी का नुकसान नहीं होगा। वहीं, विरोध प्रदर्शन को देखते हुए विधानसभा के आस-पास धारा 144 लगा दी गई है। विधानसभा आने जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।