जोशीमठ में घरों में बढ़ती दरारों पर लोगों की बढ़ती चिंता और आक्रोश के बीच पुष्कर धामी सरकार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एक्शना के मोड में आ गई है। जोशीमठ को लेकर एक आपात बैठक की गई। इसमें लिए गए अहम फैसले के तहत लोगों की शिफ्टिंग का काम तेजी से किया जा रहा है। 81 लोगों को सुरक्षित अब तक 81 लोगों को शिफ्ट किया गया है।
वहीं शिफ्टिंग के लिए सेफ एरिया को आइडेंटिफाई किया जा रहा है। आपदा सचिव ने कहा कि जोशीमठ में जिस तरह से जमीन धंस रही है, एक एक पल अहम है। उच्च अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में बने रहने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके लिए तीन जमीनें चिह्नित की हैं, जहां लोगों को रीसेटल करना है। दूसरा, घरों के जो नए सिरे से डिजाइन बनने हैं, इस पर प्राथमिकता से काम हो रहा है।
जोशीमठ धंसने के पीछे कुछ अहम फैक्टर हैं। अगस्त 2022 से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, जोशीमठ के धंसने में भूगर्भीय कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अत्यधिक भारी बारिश और बाढ़ ने भी जोशीमठ के धंसने में योगदान दिया है। जून 2013 और फरवरी 2021 की बाढ़ की घटनाओं से भी क्षेत्र की जमीन कमजोर हुई इसका धंसने का खतरा बढ़ गया है।
अनियंत्रित बुनियादी ढांचे ने बर्बाद कर दिया जोशीमठ
जमीन दरकने का एक प्रमुख कारण यहां लगातार बढ़ रही मानवीय जनसंख्या भी है। यहां लगातार लोग बसते गए। इसके साथ यहां घूमने के लिए सैलानी भी बढ़ते गए। इनके लिए सुविधाओं को बढ़ाया गया। इनके लिए अनियंत्रित बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है। इस विकास या यूं कहें कि दोहन को रोकने के लिए किसी ने ध्यान ही नहीं दिया।
जोशीमठ में बनेगा अस्थायी पुनर्वास केंद्र, सीएम ने पहले ही निर्देश दे दिए थे कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। उन्होंने जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाने का निर्देश देने के साथ ही तत्काल डेंजर जोन को खाली कराने को भी कहा।