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सिर पर स्वर्ण पादुकाएं और 8 हजार किमी की दूरी.. अयोध्या की पदयात्रा पर यूं निकला एक श्रद्धालु

22 जनवरी को जहां अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर है वहीं एक श्रद्धालु 8 हजार किमी की यात्रा पैदल पूरी कर अयोध्या पहुंचनेवाला है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: January 06, 2024 19:34 IST
devotees, padyatra- India TV Hindi
Image Source : PTI स्वर्ण पादुका लेकर पदयात्रा पर निकला श्रद्धालु

हैदराबाद: आस्था अगर अटूट हो तो हौसला अपने आप आ जाता है। इस बात को चरितार्थ करने भगवान राम का एक भक्त पदयात्रा पर निकल पड़ा है। यह पदयात्रा इसलिए खास है कि यह श्रद्धालु भगवान राम के लिए निर्मिण स्वर्ण पादुकाओं को अपने सिर पर रखकर 8 हजार किमी की दूरी तय कर अयोध्या पहुंचेगा। अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां चल रही हैं। 

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20 जुलाई को शुरू की थी यात्रा

हैदराबाद का रहनेवाला यह श्रद्धालु भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा और अपने 'कारसेवक' पिता के सपने को पूरा करने की इच्छा के साथ शहर से 64 साल की उम्र में सोने की परत वाली पादुकाएं भेंट करने के लिए हैदराबाद से अयोध्या के लिए हजारों किलोमीटर की पदयात्रा शुरू कर दी है। इस श्रद्धालु का नाम है चल्ला श्रीनिवास शास्त्री। वे अयोध्या-रामेश्वरम मार्ग से यात्रा कर रहे हैं, जिसे भगवान राम ने 'वनवास' के दौरान अपनाया था। उन्होंने कहा कि वह रास्ते में भगवान द्वारा स्थापित सभी शिवलिंगों के दर्शन करते हुए उल्टे क्रम में यात्रा करना चाहते थे और 20 जुलाई को अपनी यात्रा शुरू की थी।

सीएम योगी को सौंपेंगे चरण पादुका

चल्ला श्रीनिवास शास्त्री पहले ही ओडिशा में पुरी, महाराष्ट्र में त्र्यंबक और गुजरात में द्वारका जैसे कई स्थानों के दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने सिर पर चरण पादुका लेकर लगभग 8,000 किमी की दूरी पैदल तय करेंगे, जिसे वह अयोध्या पहुंचने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप देंगे। शास्त्री ने कहा कि वह आयकर विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ.रामअवतार द्वारा "तैयार किए गए" मानचित्र का अनुसरण कर रहे हैं, जिन्होंने उस मार्ग पर 15 वर्षों तक शोध किया है जिसका अनुसरण भगवान राम ने वनवास के दौरान किया था। 

अगले दो सप्ताह में अयोध्या पहुंचने की उम्मीद

चल्ला श्रीनिवास शास्त्री कहा, ''मेरे पिता ने अयोध्या में कारसेवा में भाग लिया था। वह भगवान हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे। उनकी इच्छा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देखने की थी। अब वह नहीं रहे, इसलिए मैंने उनकी इच्छा पूरी करने का निर्णय किया।'' शास्त्री ने कहा कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर में अपने योगदान के तहत उन्होंने अब तक चांदी की पांच ईंट दान की हैं। उन्होंने कहा, "मैं वर्तमान में भगवान श्रीराम के लिए 'पंच धातु' से निर्मित सोने की परत वाली 'पादुकालु' ले जा रहा हूं।" उनके दो सप्ताह से भी कम समय में गंतव्य तक पहुंचने की उम्मीद है। 

अयोध्या से 272 किमी दूर है चिल्ला शास्त्री

हालांकि, शास्त्री को कुछ समय के लिए अपनी पदयात्रा रोकनी पड़ी क्योंकि उन्हें बीच में ब्रिटेन जाना पड़ा और बाद में उन्होंने तमिलनाडु में जहां वे रुके थे, वहां से अपनी पदयात्रा फिर से शुरू की। शास्त्री ने कहा कि पांच अन्य लोगों के साथ, वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में हैं और अयोध्या से लगभग 272 किलोमीटर दूर हैं। उन्हें लगभग 10 दिन में गंतव्य तक पहुंचने की उम्मीद है। प्रतिदिन 30 से 50 किमी की दूरी तय करने वाले शास्त्री ने कहा कि वह जो सामान ले जा रहे हैं उसकी कीमत लगभग 65 लाख रुपये है, जिसमें कुछ दूसरे व्यक्तियों ने भी दान किया है। (इनपुट-भाषा)

 

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