हैदराबाद के गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय जनता पार्टी के विधायक टी. राजा सिंह एक बार फिर से अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने अयप्पा स्वामी के भक्तों को केरल के सबरीमाला मंदिर की यात्रा के दौरान वावर मस्जिद में न जाने की सलाह दी है। उनके इस विवादित बयान को लेकर विपक्ष ने उनकी आलोचना करना भी शुरू कर दिया है।
राजा सिंह ने की दशकों से चली आ रही प्रथा को तोड़ने वाली बात
परंपरा के अनुसार, अयप्पा स्वामी के भक्त सबरीमाला मंदिर में पूजा-अर्चना करने से पहले वावर मस्जिद जाते हैं। यह प्रथा कई दशकों से चली आ रही है। कुछ दिन पहले भी उन्होंने इसी मुद्दे पर बयान देते हुए कहा था कि अयप्पा स्वामी के भक्त उन्हें गुमराह करने के लिए रची गई साजिश का शिकार हो रहे हैं। आगे उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मैंने कुछ अयप्पा स्वामी पूजा कार्यक्रम देखे हैं जहां दरगाह में आने वाले और उसमें आस्था रखने वाले लोगों को आमंत्रित किया जाता है। कभी-कभी, मुसलमानों को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है। हम कहां जा रहे हैं और क्या हम किसी जाल में नहीं फंस रहे हैं?
"वावर मस्जिद ना जाएं वरना अपवित्र हो जाएंगे"
राजा सिंह ने आगे कहा कि अयप्पा भक्तों को यह समझना चाहिए कि हिंदू धर्म स्पष्ट रूप से सिखाता है कि हिंदुओं को कब्रों पर झुकना या हाथ नहीं जोड़ना चाहिए। उनके मुताबिक मस्जिद जाने से दीक्षा माला पहनने वाले स्वामी अपवित्र हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि केरल में सबरीमाला जाने वाले सभी अय्यप्पा स्वामियों से मेरा निवेदन है कि रास्ते में मस्जिद पड़ती है। उस मस्जिद में कोई भी अय्यप्पा स्वामी ना जाए।
कई अयप्पा भक्तों का मानना है कि वावर मस्जिद का दौरा सबरीमाला तीर्थयात्रा का एक अभिन्न अंग है। सबरीमाला मंदिर के खुले रहने के दौरान लगभग 160 दिनों तक भक्त मंदिर और मस्जिद में आते हैं। एरुमेली शहर में वावर मस्जिद और सबरीमाला मंदिर के बीच की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है।
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