Friday, November 22, 2024
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देवभूमि हिमाचल प्रदेश में तबाही, बादल फटने के बाद से 45 लोग लापता, सर्च ऑपरेशन अब भी जारी

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना के बाद से 45 से अधिक लोग लापता हो गए हैं। हालांकि उन्हें ढूंढने का अभियान अब भी जारी है। बता दें कि राज्य की एक बिजली परियोजना स्थल पर फंसे 29 लोगों का सफल रेस्क्यू किया जा चुका है।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Updated on: August 02, 2024 12:22 IST
Devbhoomi Himachal Pradesh 45 people missing after cloudburst search operation still underway- India TV Hindi
Image Source : PTI देवभूमि हिमाचल प्रदेश में तबाही

हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद 45 से अधिक लापता लोगों को ढूंढने के लिए बचाव अभियान शुक्रवार को जारी है। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए यह भी बताया कि राज्य में एक बिजली परियोजना स्थल पर फंसे 29 लोगों को पूरी रात चले अभियान के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया। कुल्लू जिले के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों में, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बुधवार को बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ से पांच लोगों की मौत हो गई और 45 से अधिक लोग लापता हो गए। जिले के मणिकर्ण क्षेत्र में मलाना द्वितीय विद्युत परियोजना में भी 33 लोग फंस गए। कुल्लू उपायुक्त तोरुल एस.रवीश ने बताया कि 33 में से 29 लोगों को निकाल लिया गया है।

 एनडीआरएफ और होमगार्ड की टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

बारिश के कारण एक सुरंग की दीवार और रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया और बैराज में पानी आ गया। लेकिन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और होमगार्ड की टीमें 29 लोगों को बचाने में सफल रहीं, जबकि चार लोग अभी भी पावर हाउस में हैं। अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल, पुलिस और होमगार्ड बचाव अभियान चला रहे हैं। लापता लोगों की खोज के लिए ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। वहां पीड़ितों की परिजन भी अपनों की कुशलता की आस लगाए बैठे हैं। सबसे अधिक नुकसान शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के समेज क्षेत्र में हुआ हैं। यहां बुधवार रात श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई। 

100 किमी के क्षेत्र में करनी है तलाशी

शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अचानक बाढ़ आने के कारण शिमला जिले के रामपुर में समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और लगभग 30 लोग लापता हो गए। गांधी ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था, ‘‘हमें करीब 100 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश करनी है, जिसमें से कुछ क्षेत्र दुर्गम हैं और लापता लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।’’ अचानक आई बाढ़ से अपने परिवार के साथ बच निकले एक वरिष्ठ नागरिक नली राम ने कहा, ‘‘मैंने पानी के तेज बहाव की आवाज सुनी और अपने घर से बाहर आया तो पाया कि आसपास का इलाका बाढ़ में डूबा हुआ है’’। समेज खुड के उफान में आने से शिमला और कुल्लू जिलों में तबाही मची। 

बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण अबतक 73 लोगों की मौत

एक अन्य स्थानीय निवासी नील दत्त ने कहा ‘‘मेरे ससुर एक परियोजना पर काम कर रहे थे। बीती रात से उनका कोई पता नहीं है। मैं अपने परिजन के साथ उन्हें खोजने के लिए यहां आया हूं।’’ खबरों के अनुसार, राज्य में बादल फटने के बाद 20 से अधिक घर, छह दुकानें, चार मुख्य पुल और दो पैदल पुल बाढ़ के पानी में बह गए। प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क बाधित हो गया है। राज्य के आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 27 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से अब तक वर्षाजनित घटनाओं में 73 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य को 649 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है। 

(इनपुट-भाषा)

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