पुणे: डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। इस बात को नवी मुंबई के अपोलो अस्पताल के डॉ संजीव जाधव ने साबित भी किया है। उन्होंने एक्सीडेंट में घायल होने के बावजूद अपने मरीज की जान बचाई और उसके लंग को ट्रांसप्लांट किया। दरअसल डॉक्टर जाधव का पुणे में एक्सीडेंट हो गया था लेकिन उन्होंने इस बात की परवाह नहीं की और चेन्नई में केरल के एक मरीज का लंग ट्रांसप्लांट किया।
डॉक्टर की कर्तव्य के प्रति आस्था को देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। डॉक्टर जाधव का जब एक्सीडेंट हुआ तो उनके साथ टीम के कई साथी भी थे। उनको भी चोटें आईं लेकिन डॉक्टर ने किसी चोट की परवाह नहीं करते हुए मरीज का लंग ट्रांसप्लांट करना ज्यादा जरूरी समझा।
डॉक्टर ना होते तो बच नहीं पाती मरीज की जान
डॉक्टर ने जिस मरीज का लंग ट्रांसप्लांट किया, वह चेन्नई के हॉस्पिटल में लाइफ सपोर्ट पर था। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर जाधव ने बताया कि अगर सोमवार को ट्रांसप्लांट नहीं होता तो मरीज की मौत हो जाती। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है।
डॉक्टर ने एक्सीडेंट के बारे में बताया कि वह एंबुलेंस ड्राइवर के बगल में बैठे थे। उनके पैर, हाथ और सिर में चोटें आई हैं। उन्होंने बताया कि चोटों के बावजूद हमने आगे बढ़ने का फैसला लिया। मरीज़ पहले से ही ऑपरेशन टेबल पर था। काटे गए अंग का उपयोग करने के लिए हमारे पास अधिकतम 6-8 घंटे थे। शाम करीब पांच बजे एंबुलेंस एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गई थी। हादसे के बाद मेडिकल टीम के कुछ सदस्य घायल ड्राइवर को अस्पताल ले जाने के लिए वहीं रुक गए थे। चार्टर फ्लाइट तय समय पर चेन्नई उतरी और रात करीब 8.30 बजे लंग अपोलो अस्पताल पहुंचे। ट्रांसप्लांट मंगलवार देर रात करीब 1.30 बजे पूरा हुआ।
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