नागपुर में आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भगवान जगन्नाथपुरी मंदिर में पूजा-अर्चना की। भगवान के दर्शन और आरती के बाद मोहन भागवत ने अपना संबोधन दिया। संबोधन में मोहन भागवत ने कहा कि भारत आगे जा रहा यह असुरी शक्तियों को अच्छा नहीं लगता। आसुरी शक्तियों का प्रयास भारत को तोड़ना है। RSS प्रमुख ने आगे कहा कि स्वार्थ को साधने के लिए समाज को तोड़ने की कोशिश देश के बाहर से हो रही है, अन्य देशों से जो भारत का उत्थान नहीं चाहते।
"दुनिया में कोई ताकत नहीं जो भारत को परास्त कर सके"
आरएसएस प्रमुख मोहन ने उद्बोधन में आगे कहा कि हम सभी को ध्यान रखना है अभी जगन्नाथ की कृपा से हम लोग भारत का भाग्य का रथ खींच रहे हैं, भारत के सब लोग और वह आगे जा रहा है, लेकिन ये जो असुर शक्तियों रहती है, उनको यह सब अच्छा नहीं लगता तो तरह तरह का विषय निकालकर वह आपस में झगड़ा लगाते है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कलयुग में मिलजुल कर रहना सबसे श्रेष्ठ शक्ति है, भारत के लोग जब तक मिलजुल कर रहेंगे। दुनिया में कोई ताकत नहीं है कि भारत को परास्त कर सके, इसलिए उनका प्रयास रहता है इन को तोड़ो।
"समाज को तोड़ने की कोशिश"
मोहन भागवत ने आगे कहा कि आप अलग हो यह बताओ, आप ये नहीं हो, आप वो नहीं हो यह बताओ, आपको यह नहीं मिल रहा आपको वह नहीं मिल रहा बताओ, ऐसा सब कुछ करके अपने स्वार्थ को साधने के लिए समाज को तोड़ने की कोशिश है। ये कोशिश देश के बाहर से हो रही है, अन्य देशों भारत का उत्थान नहीं चाहते, वह प्रयास करते रहते हैं। मोहन भागवत ने फिर आगे कहा कि हमारे अज्ञान के कारण, स्वार्थ भेद के कारण, दुर्भाग्य से उनको कुछ लोग अंदर भी मिल जाते हैं। इनसे सावधान रहकर हमको आगे बढ़ना है, जगन्नाथ का स्मरण मन में रखना, मिलजुल कर चलने का जो प्रचलन है स्वयं में रखना और उसको प्रचलित करना, इससे देश भी आगे जाएगा। दुनिया को सुखी बनाएंगे ऐसी शक्ति बनेगी।