Highlights
- देश के कई राज्यों में मिले डेल्टाक्रॉन के मरीज
- डेल्टाक्रॉन कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट से मिलकर बना
- ये एक सुपर-म्यूटेंट वायरस है
नई दिल्लीः भारत में कोरोना संक्रमण के ताजा मामलों में गिरावट निरंतर जारी है। ऐसा लगने लगा है कि भारत जल्द ही कोरोना पर जीत हासिल कर लेगा। लेकिन इस बीच कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टाक्रॉन के भारत में आने से एक बार फिर से लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। बताया जा रहा है कि कोरोना का यह नया वेरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट से मिलकर बना है। जिसने भारत के कई राज्यों में दस्तक दे दी है। अलग-अलग जगहों से डेल्टाक्रॉन के मामले सामने आने लगे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूरोप के कुछ देशों फ्रांस, नीदरलैंड और डेनमार्क में इस नए डेल्टाक्रॉन वेरिएंट की मामलों की पुष्टि की थी। लेकिन अब इस नए वेरिएंट के मामले भारत में भी सामने आने लगे हैं।
देश में यहां मिले डेल्टाक्रॉन के मामले
एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में 221 मामलों में डेल्टाक्रॉन वेरिएंट के संकेत मिले हैं। जो इसका हॉटस्पॉट बन गया है। कर्नाटक के बाद तमिलानाडु में 90, महाराष्ट्र में 66, गुजरात में 33, पश्चिम बंगाल में 32 तथा तेलंगाना में 25 और दिल्ली में 20 मामले संभावित डेल्टाक्रॉन की जांच के दायरे में हैं।
क्या है डेल्टाक्रॉन
वैज्ञानिकों के मुताबिक, डेल्टाक्रॉन वेरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों ही वैरिएंट्स से मिलकर बना है। जिसमें व्यक्ति एक ही समय पर दो वेरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन से संक्रमित हो सकता है। जानकारों के अनुसार, ये एक सुपर-म्यूटेंट वायरस है। जो डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलकर बना एक हाइब्रिड सट्रेन है। जिसे सबसे पहले साइप्रस के रिसर्चर्स ने पिछले महीने ही खोजा था।
डेल्टाक्रॉन के लक्षण
डेल्टाक्रॉन कितना खतरनाक हो सकता है अभी इसके बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन जहां तक इसके लक्षणों की बात है तो शरीर का बढ़ा हुआ तापमान, बहती या भरी हुई नाक, लगातार खांसी, थकान महसूस होना, सांस लेने में कठिनाई होना, सिरदर्द, उलटी और दस्त इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं।