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विदायी देते हुए ऐसा लग रहा है मानों मैं बहुत कुछ खो रहा हूं- मल्लिकार्जुन खड़गे

खड़गे ने कहा, 'जब अटल बिहारी वाजपेयी 1987 में विपक्ष में थे, तब उन्होंने अपने अनुभव बताते हुए कहा था कि राज्यसभा में रहे बिना राजनीति का पूरा अनुभव नहीं मिल पाता। मैं आज इस बात को महसूस कर पा रहा हूं क्योंकि राज्यसभा में आए बिना मेरा भी राजनीति का अनुभव अधूरा था।'

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 31, 2022 13:44 IST
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
Image Source : FILE PHOTO विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे 

Highlights

  • विदायी भाषण के दौरान भावुक हुए मल्लिकार्जुन खड़गे
  • विदायी देते हुए लग रहा मानों बहुत कुछ खो रहा हूं- खड़गे
  • रिटायर सदस्यों के अनुभवों का लाभ देश को मिलेगा- खड़गे

नयी दिल्ली: राज्यसभा में 72 सांसदों के विदायी भाषण के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, 'सदन की गरिमा बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ये 72 सदस्य सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के हैं। कांग्रेस के 13 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनमें से कुछ सदस्य बहुत वरिष्ठ हैं और उन्हें लंबा अनुभव भी है। कांग्रेस के ए. के. एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, पी चिदंबरम के अनुभवों का हमें हमेशा लाभ मिला। आज उन्हें विदायी देते हुए ऐसा लग रहा है, मानों मैं बहुत कुछ खो रहा हूं।'

'राज्यसभा में आए बिना मेरा राजनीति का अनुभव अधूरा था'

खड़गे ने कहा, 'सदन में लगभग हर क्षेत्र के गहरे जानकार लोग हैं। आनंद शर्मा जहां विदेश मामलों के खासे जानकार हैं, वहीं चिदंबरम की पकड़ कानूनी और आर्थिक मामलों पर है। इसी तरह दूसरे दलों से संजय राउत, प्रफुल्ल पटेल, झरनादास वैद्य, नरेश गुजराल, रेवती रमण सिंह, सुखदेव सिंह ढींढसा तथा विजय साई रेड्डी के अनुभवों का लाभ इस सदन को मिला। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने राज्यसभा के अधिकार को कम नहीं होने दिया और उच्च सदन के सदस्यों को वित्तीय समितियों में शामिल करने की शुरुआत की। जब अटल बिहारी वाजपेयी 1987 में विपक्ष में थे, तब उन्होंने अपने अनुभव बताते हुए कहा था कि राज्यसभा में रहे बिना राजनीति का पूरा अनुभव नहीं मिल पाता। मैं आज इस बात को महसूस कर पा रहा हूं क्योंकि राज्यसभा में आए बिना मेरा भी राजनीति का अनुभव अधूरा था।'

रिटायर सदस्यों के अनुभवों का लाभ देश को मिलेगा

आगे खड़गे ने कहा, 'उच्च सदन से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के अनुभवों का देश को किसी न किसी रूप में लाभ मिलेगा। यह सदन अनेकता में एकता का सीधा संदेश देता है। मैं कामना करता हूं कि विदा हो रहे सदस्यों में से ज्यादातर सदस्य सदन में वापस आएं।' इनपुट-भाषा

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