Highlights
- नई आबकारी नीति ने बढ़ाई आप सरकार की मुसीबत
- मनीष सिसौदिया के जेल जाने का बढ़ा खतरा
- किसी भी वक्त सीबीआइ कर सकती है गिरफ्तार
Delhi New Excise Policy: दिल्ली में न्यू एक्साइज पॉलिसी अब डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के गले की फांस बनती जा रही है। आज इस मामले में सिसौदिया के घर सीबीआइ के छापे पड़ने के बाद आम आदमी पार्टी समेत दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में भी हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी अब सिसौदिया के जेल जाने का डर सताने लगा है। आइए हम आपको बताते हैं कि आम आदमी पार्टी और मनीष सिसौदिया के सामने आखिर यह नौबत क्यों आई। नई एक्साइज पॉलिसी है क्या, जिसकी वजह से न सिर्फ मनीष सिसौदिया बल्कि पूरी की पूरी आप पार्टी की नीति ही सवालों के घेरे में है।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में न्यू एक्साइज पॉलिसी लागू करते हुए 17 नवंबर 2021 को शराब की दुकानों को निजी संचालकों के हवाले कर दिया। इसके बाद वेंडरों ने शराब पर भारी-भरकम डिस्काउंट और आकर्षक ऑफर देना शुरू किया, जो कि अन्य राज्यों में कहीं नहीं हुआ था। आप सरकार अपनी इस नई पॉलिसी को आमजनों के बीच भुनाना चाह रही थी। तभी तो केजरीवाल अक्सर दिल्लीवासियों के लिए दिए जाने वाले संदेश में अक्सर यह कहते सुनाई दे जाते थे कि... हमने आपके लिए पढ़ाई के साथ दवा, दारू का भी इंतजाम कर दिया और क्या चाहिए... मगर इस नई शराब पॉलिसी में दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी नियमों और कानून कायदों को ताख पर रख दिया। आरोप है कि शराब ठेकेदारों को अप्रत्याशित फायदा पहुंचने के लिए दिल्ली सरकार ने नियमों को दरकिनार कर दिया। इसकी कमान डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के हाथों में थी। इसलिए नई आबकारी नीति पर सवाल उठने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसकी सीबीआइ जांच करने की सिफारिश कर दी। इसी कड़ी में अब सीबीआइ का शिकंजा मनीष सिसौदिया पर कसने लगा है।
क्या है दिल्ली की नई आबकारी नीति 2022
नई आबकारी नीति के तहत सरकारी दुकानों को खत्म करते हुए इसे निजी हाथों में दे दिया गया। राजधानी दिल्ली में इसके बाद 32 जोन में कुल 849 शराब की दुकानें खोल दी गईं। इसके तहत होटलों में बार, क्लब और रेस्टोरेंट को रात तीन बजे तक संचालित कर सकने की आजादी दे दी गई। इतना ही नहीं छत समेत किसी भी जगह पर शराब परोसने की खुली छुट दी गई। शराब की दुकानों के आसपास स्नैक्स या अन्य खाने-पीने के सामान बिकने पर रोक लगाई गई। ताकि हर जगह लोग खुले में शराब न पीने लगें। सभी शराब की दुकानों से सरकारी हस्तक्षेप और मालिकाना हक हटा लिया गया। हालांकि बार में हर तरह के मनोरंजन की छूट दी गई। टेंडर प्रक्रिया में जानबूझकर ऐसी गड़बड़ियां की गईं। ताकि अनावश्यक रूप से वेंडरों को अप्रत्याशित फायदा पहुंचाया जा सके।
टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता के खिलाफ दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने दी रिपोर्ट
दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया की मुसीबत उस वक्त और बढ़ गई, जब उनकी ही सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने नई आबकारी नीति की टेंडर प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़ा किया। रिपोर्ट में कहा गया कि शराब कारोबारियों को अनुचित फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने सारे नियम कायदों को पीछे छोड़ दिया। इससे राजस्व क्षति भी हुई। इस मामले में विपक्षी दलों ने भी केजरीवाल और सिसौदिया पर हमला बोल दिया। उपराज्यपाल की सिफारिश पर अब सीबीआइ पूरे मामले की जांच में जुटी है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी की कड़ी टिप्पणी
हाई कोर्ट में सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गईं। इस सुनवाई करते हुए जजों ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि अगर आप किसी व्यक्ति से कांट्रैक्ट की उम्मीद करते हैं तो उसे पता होना चाहिए कि उनको क्या मिलेगा। आप सबकुछ अनिश्चितता पर नहीं छोड़ सकते। कोर्ट ने इस नीति में सरकारी मापदंडों को अधूरा करार दिया। याचिकाकर्ताओं में छोटे वेंडरों ने यह भी आरोप लगाया था कि कोई समान पॉलिसी नहीं होने से बड़े वेंडर शराब पर भारी डिस्काउंट दे रहे हैं, इससे छोटे व्यापारियों का व्यापार चौपट हो रहा है। इसके अलावा 16 जोन के बजाय 32 जोन में शराब बिक्री की इजाजत देनो के लेकर भी दिल्ली सरकार कठघरे में है।
शराब कारोबारियों को दी 144 करोड़ से अधिक की छूट
भाजपा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने शराब कारोबारियों को 144 करोड़ रुपये से अधिक की छूट दी। इससे राजस्व को भारी छति हुई। शराब विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने वो सब कुछ किया जो नियमों के विरुद्ध था। यह बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। दस्तावेजों और हस्ताक्षरों से अनियमितता की पुष्टि हो रही है।
सिसौदिया के जेल जाने का खतरा बढ़ा
सूत्रों के मुताबिक नई आबकारी नीति में हुई गड़बड़ियों के संबंध में कई दस्तावेज हाथ लगे हैं। अभी टीम इस मामले में और अधिक सुबूत जुटाने के प्रयास में है। सिसौदिया के घर समेत अन्य दर्जनों ठिकानों पर छापा इसी कड़ी का अहम हिस्सा माना जा रहा है। इसके बाद सीबीआइ पूछताछ के लिए जल्द ही मनीष सिसौदिया को हिरासत में ले सकती है। इसके बाद उनकी गिरफ्तार होनी भी तय मानी जा रही है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी में हड़कंप मच गया है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन के बाद यह दूसरे मंत्री होंगे जो जेल जाएंगे। हालांकि सीएम केजरीवाल भाजपा सरकार पर जानबूछकर परेशान करने का आरोप लगाते रहे हैं।