नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर वाले वायु प्रदूषण रूपी रावण का सामना कर रहे थे, लेकिन दिवाली से पहले यहां बारिश के रूप में राहत बरसी है। दिल्ली-एनसीआर में गुरूवार रात से रुक-रूककर बारिश हो रही है। इस बारिश ने वायु प्रदूषण को काफी कम कर दिया है। वातावरण से धुंध की चादर को हटा दिया है। दिल्ली वालों को ठंड के साथ- साथ कई दिनों बाद साफ़ हवा का भी एहसास होने लगा है।
गुरुवार के हिसाब से काफी राहत
बारिश के कारण राहत मिली और राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में शुक्रवार को 150 अंकों का सुधार देखा गया। दिल्ली में शुक्रवार शाम चार बजे पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 279 रहा जो बृहस्पतिवार के 437 से काफी बेहतर है। शहर में 28 अक्टूबर से पिछले दो सप्ताह में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ हो गयी थी। अब हवा की गति अनुकूल होने के कारण वायु गुणवत्ता में और सुधार होने की उम्मीद है। किसी खास समय पर एक्यूआई पिछले 24 घंटे के आंकड़ों का औसत होता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे पिछले 24 घंटों में छह मिलीमीटर तथा सुबह साढ़े आठ और शाम साढ़े पांच बजे के बीच 4.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अधिकतर इलाकों में हल्की बारिश हुई। विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि बृहस्पतिवार रात से पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश समेत पश्चिमोत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में वर्षा हुई है। आईएमडी ने हल्की बारिश समेत मौसम संबंधी अनुकूल परिस्थितियों के कारण दीपावली से पहले वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का अनुमान जताया था। अधिकारियों ने कहा था कि एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से, भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पराली का जलाना
मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद हवा की गति 11 नवंबर को लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी, जिससे दीपावली से पहले प्रदूषक तत्वों के तितर-बितर होने की संभावना है। दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने वाले ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को 38 प्रतिशत प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने से निकला धुआं जिम्मेदार था। शहर में प्रदूषण के स्तर में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान बृहस्पतिवार को 33 प्रतिशत रहा, जबकि शुक्रवार को इसके 16 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
आंकड़ों में परिवहन को भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया गया है, जो दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा में 12 से 14 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन के प्रधान वैज्ञानिक विनय कुमार सहगल ने अनुमान लगाया कि वर्षा के कारण अगले दो-तीन दिन पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम होंगी। दिल्ली सरकार शहर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए 20 या 21 नवंबर को कृत्रिम बारिश की योजना बना रही है। इससे संबंधित एक प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय को सौंपा जाएगा, जो वायु प्रदूषण बढ़ने की समस्या से जुड़ी कई याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है।
ऑड-ईवन योजना लागू होना फ़िलहाल टला
सरकार ने सभी विद्यालयों में दिसंबर में होने वाली छुट्टियों का समय बुधवार को बदल दिया और अब शीतकालीन अवकाश नौ नवंबर से 18 नवंबर तक रहेगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार ने सम-विषम योजना फिलहाल स्थगित कर दी है क्योंकि वर्षा के कारण शहर की वायु गुणवत्ता बहुत सुधर गयी है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता की समीक्षा करेगी और फिर यदि प्रदूषण स्तर बहुत बढ़ जाता है तो ऑड-ईवन योजना पर निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत द्वारा सम-विषम कार योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा करने और आदेश जारी करने के बाद शहर में यह योजना लागू की जाएगी।