Monday, December 16, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. दिल्ली-एनसीआर की हवा में घुल चुका है जहर, अभी राहत की कोई उम्मीद नहीं

दिल्ली-एनसीआर की हवा में घुल चुका है जहर, अभी राहत की कोई उम्मीद नहीं

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान बृहस्पतिवार को आईटीओ चौराहे से शुरू हो गया, लेकिन इससे कितना फायदा होगा यह अभी भी एक बड़ा सवाल है।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Oct 28, 2023 6:56 IST, Updated : Oct 28, 2023 7:12 IST
Delhi-NCR pollution, AQI- India TV Hindi
Image Source : FILE दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों की हवा में जहर घुल चुका है। प्रदूषण से लड़ने की तैयारियों के तमाम दावे और इंतजाम धरे के धरे रह गए हैं। चरों तरफ जहरीली धुंध की चादर फैली हुई है। दिन प्रतिदिन प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर एंटी स्मॉग गन तैनात हैं, लेकिन वह केवल दिखावा बन चुकी हैं। आंखों में जलन से हर कोई परेशान है।

दिल्ली की हवा का स्तर और भी बिगड़ा 

शनिवार सुबह आये आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर 286 पहुंच गया। इसके साथ ही नोएडा में भी AQI 255 दर्ज किया गया। वहीं हरियाणा के गुरुग्राम में फिलहाल कुछ कम प्रदूषण है। यहां AQI का स्तर 200 पहुंच गया है, लेकिन जानकर बताते हैं कि अभी तो यह शुरुआत है। दिवाली पास आते-आते हवा का स्तर और भी बिगड़ेगा। जानकारों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर की हवा को सबसे ज्यादा नुकसान पटाखे और हरियाणा-पंजाब में जलाई जाने वाली पराली से हो रहा है।

रेड लाइट ऑन इंजन ऑफ कार्यक्रम भी शुरू

ऐसा नहीं है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के प्रयास नहीं कर रही है, लेकिन उसके प्रयास नाकाफी होते हुए दिख रहे हैं। सरकार ने कई जगहों पर 'रेड लाइट ऑन इंजन ऑफ' कार्यक्रम भी शुरू कर दिया है, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा के समान भी नहीं है। इसके अलावा सरकारों और प्राधिकरणों ने जगह-जगह पर पानी के छिडकाव के लिए स्मॉग गन भी लगवाई हैं। इसके साथ ही कई चलित स्मॉग गन भी काम कर रही हैं, लेकिन प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

एजेंसियों से प्रदूषण से जुड़ा डाटा मिलना ही बंद 

वहीं दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते बीच कई एजेंसियों ने इससे प्रदूषण से जुड़ा डाटा देना ही बंद कर दिया है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार और राज्य के अधिकारियों के बीच चल रही लड़ाई के कारण आईआईटी-कानपुर की ओर से वास्तविक समय स्रोत विभाजन अध्ययन 18 अक्टूबर से रुका हुआ है। उधर, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत दो अन्य एजेंसियों ने भी प्रदूषण के स्रोतों पर जानकारी साझा करना बंद कर दिया है। 

ये भी पढ़ें-

 
 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement