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दिल्ली शराब घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता को दी सशर्त जमानत, 5 माह से थी जेल में बंद

सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान के. कविता को सशर्त जमानत दे दी है। बता दें कि के. कविता बीते 5 माह से जेल में बंद हैं।

Reported By : Atul Bhatia, Gonika Arora Edited By : Shailendra Tiwari Updated on: August 27, 2024 13:22 IST
सुप्रीम कोर्ट- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली शराब घोटाला मामले में BRS नेता व विधायक के. कविता की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. वी विश्वनाथन की बेंच ने की। एडवोकेट मुकुल रोहतगी के. कविता की ओर से पेश हुए। सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने एएसजी से पूछा कि आप साबित करिए कि उन्होंने सबूत मिटाए है। जांच पूरी हो चुकी है, आरोपत्र दाखिल हो चुके है। इस मामले में 493 गवाह है। वो महिला हैं। उनको जमानत क्यों नहीं दी जाए? इसके बाद उनको जमानत दे दी है।

भागकर जाने की कोई संभावना नहीं

सुनवाई के दौरान एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने दलील देते हुए कहा कि के. कविता अभी विधायक है, सीबीआई और ईडी मामले में जांच पूरी हो चुकी है। दोनों मामलों में गवाहों की कुल संख्या 493 है और दस्तावेजों की कुल संख्या करीब 50,000 पन्नों की है। वह एक पूर्व सांसद हैं और इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वह न्याय से भागकर कहीं चली जाएंगी।

मनीष सिसोदिया को जमानत मिल चुकी

रोहतगी ने आगे कहा कि इस मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत मिल चुकी है। सामान्य तौर पर महिलाओं को जमानत मिल जाती है। इस पर बेंच ने कहा कि आप कोई कमज़ोर महिला नहीं हैं। इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप एमएलए हैं या एमएलसी। आरोप है कि साउथ लॉबी से 100 करोड़ रुपये दिल्ली भेजे गए, लेकिन कोई रिकवरी नहीं हुई। मैंने कोई फोन फॉर्मेट नहीं किया है, जैसा आरोप लगाया जा रहा है।

कविता का व्यवहार धमकाने जैसा- ASG

इस पर ASG राजू ने अपनी दलील देते हुए कहा कि कविता का व्यवहार सबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को धमकाने जैसा रहा है। इनके फोन की जांच करने पर पता चला कि उसमें कोई डेटा नहीं था। इस पर बेंच ने कहा कि लोग मैसेज डिलीट कर देते हैं। मुझे भी डिलीट करने की आदत है।

ASG राजू ने बेंच से आगे कहा कि लोग मैसेज डिलीट करते हैं, पूरा फ़ोन फ़ॉर्मेट नहीं करते। के.कविता ने असली डिवाइस नहीं, बल्कि दूसरे डिवाइस बनाए। कोई मैसेज या हिस्ट्री नहीं डिलीट करता।

आपके पास क्या सबूत है?- SC

SC ने ईडी और सीबीआई से पूछा कि के. कविता के खिलाफ आपके पास क्या सबूत है? के.केविता ने भारतीय राजनीति और लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। के. कविता पढ़ी लिखी महिला है। समाज में उनकी पकड़ है। इस पर ASG राजू ने कहा लेकिन ये सब जमानत का आधार नहीं हो सकता। CDR से पता चला है कि आरोपियों से फोन पर बात की गई है।

जमानत क्यों नहीं दी जाए?

SC ने कहा कि फोन फॉर्मेट करना और सबूत मिटाना दोनों अलग-अलग बातें है। आप साबित करिए कि उन्होंने सबूत मिटाए है। जांच पूरी हो चुकी है, आरोपत्र दाखिल हो चुके है। इस मामले में 493 गवाह है। वो महिला हैं। उनको जमानत क्यों नहीं दी जाए? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने BRS नेता के. कविता को ED और CBI दोनों मामलों में जमानत दे दी।

साथ ही कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक को 10 लाख रुपये का जमानत बांड भरने, गवाहों से छेड़छाड़ न करने और गवाहों को प्रभावित न करने का निर्देश दिया है। जानकारी के लिए बता दें के. कविता 5 माह से जेल में बंद हैं।

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