दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने छावला मर्डर केस के आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को मंजूरी दे दी है। इस मामले में सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एडिशनल एसजी ऐश्वर्या भाटी को नियुक्त करने को भी मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात कर कहा कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है।
पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का किया था आग्रह
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की थी। वे लगातार केंद्र सरकार से इस मामले में संपर्क में थे। वहीं, सांसद अनिल बलूनी ने भी परिवार के साथ एलजी से मुलाकात की थी और पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का आग्रह किया था। अब एलजी के फैसले के बाद बेटी को इंसाफ मिलने की संभावना है। वहीं, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी परिवार से मुलाकात कर उन्हें इंसाफ में साथ होने का भरोसा दिलाया था।
सबूतों के अभाव में तीनों आरोपियों को बरी किया गया
गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर सवाल उठाते हुए छावला गैंग रेप और हत्या के मामले में सबूतों के अभाव में तीनों आरोपियों को बरी कर दिया था। 2012 का यह चर्चित मामला था। 19 वर्षीय युवती दिल्ली के छावला की रहने वाली थी। उसे कुतुब विहार से अगवा किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेरहमी से हत्या करने से पहले उसे बेहद भयावहता का शिकार बनाया गया था।