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दिल्ली: LG ने शहर में 10 और फैमिली कोर्ट के निर्माण को मंजूरी दी, इतनी पहुंची कुल संख्या

दिल्ली को आखिरकार एक दशक से अधिक समय से लंबित मामलों पर निर्णय लेने में मदद करने के लिए 10 और पारिवारिक न्यायालय मिल गए हैं। अब फैमिली कोर्ट में दायर मामलों को जल्द सुलझाने में मदद मिलेगी।

Reported By : Bhaskar Mishra Edited By : Rituraj Tripathi Updated on: November 14, 2023 14:36 IST
 Delhi LG- India TV Hindi
Image Source : ANI/FILE एलजी विनय सक्सेना

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फैमिली कोर्ट की संख्या बढ़ने वाली है। दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने राजधानी में 10 और पारिवारिक न्यायालयों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। शहर में ऐसे न्यायालयों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। 

अक्टूबर, 2019 में पहली बार प्रस्ताव लाए जाने के चार साल बाद, दिल्ली को आखिरकार एक दशक से अधिक समय से लंबित मामलों पर निर्णय लेने में मदद करने के लिए 10 और पारिवारिक न्यायालय मिल गए हैं।

10 नए न्यायाधीशों समेत 71 अन्य पद भरे जाएंगे

एलजी की इस घोषणा से 10 नए न्यायाधीशों समेत 71 अन्य पद भरे जाएंगे। इन पदों में रीडर, स्टेनो/सीनियर पीए, स्टेनो/पीए, अहलमद/जेए, सहायक अहलमद, नायब नाजिर, अर्दली और स्टाफ कार ड्राइवर शामिल हैं। 

5-10 वर्षों से अधिक समय से लंबित मामलों को देखते हुए कम से कम 10 और पारिवारिक न्यायालयों के निर्माण के लिए 2019 में पूर्ण न्यायालय की सिफारिश के बाद यह मंजूरी मिली है। 

कितने मामले लंबित?

दिल्ली में पारिवारिक न्यायालयों में लगभग 46,000 मामले लंबित हैं, सबसे कम 1321 प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, साकेत के पास लंबित हैं और सबसे अधिक 3654 मामले पारिवारिक न्यायालय, रोहिणी में लंबित हैं। 

पारिवारिक न्यायालय मुख्यालय, द्वारका के अनुसार, प्रतिदिन औसतन लगभग 150-200 मामले पारिवारिक न्यायालयों में पंजीकृत होते हैं और इन न्यायालयों में लगभग 80% कर्मचारी अन्य विभागों से भिन्न क्षमता पर काम कर रहे हैं।

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