Friday, December 20, 2024
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दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा की, डीपफेक कंटेंट को हटाने का आदेश दिया

दिल्ली हाई कोर्ट ने रजत शर्मा के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा करते हुए डीपफेक कंटेंट हटाने का आदेश दिया। जस्टिस अमित बंसल ने इस बारे में अहम आदेश जारी किया।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Dec 20, 2024 16:38 IST, Updated : Dec 20, 2024 16:50 IST
Delhi High Court, Delhi High Court  Rajat Sharma
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा करते हुए उनके खिलाफ बनाए गए डीपफेक कंटेंट को हटाने का आदेश दिया। जस्टिस अमित बंसल ने 8 प्रतिवादी व्यक्तियों और संस्थाओं को आदेश दिया कि वे किसी भी प्रकार से रजत शर्मा के नाम, चेहरे, छवि, आवाज, तस्वीर, वीडियो आदि का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) या डीपफेक के माध्यम से बिना उनकी स्पष्ट लिखित इजाजत के व्यावसायिक या व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं करेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने दायर की थी याचिका

यह आदेश वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के द्वारा दायर की गई एक याचिका के पक्ष में पारित किया गया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रतिवादियों द्वारा AI तकनीक का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, और इसके माध्यम से उनके चेहरे, आवाज और अन्य व्यक्तित्व लक्षणों को बदलकर धोखाधड़ी करने वाले वीडियो बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, रजत शर्मा ने यह भी आरोप लगाया था कि प्रतिवादियों ने इंडिया टीवी के रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क और उनके शो ‘आज की बात: रजत शर्मा के साथ’ के फुटेज का भी अनधिकृत रूप से इस्तेमाल किया है।

‘बैलेंस ऑफ कन्विनियंस भी वादी के पक्ष में’

रजत शर्मा ने यह भी बताया कि उनके व्यक्तित्व का इस तरह से गलत इस्तेमाल, खासकर स्वास्थ्य संबंधित झूठी जानकारी फैलाने के लिए, लोगों की सेहत और सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बन सकता है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'उपरोक्त बातों पर विचार करते हुए, प्रथम दृष्टया मामला वादी के पक्ष में और प्रतिवादी के खिलाफ बनता है। 'बैलेंस ऑफ कन्विनियंस' भी वादी के पक्ष में और प्रतिवादी के खिलाफ है। यदि प्रतिवादियों को उपरोक्त उल्लंघनकारी पोस्ट/वीडियो पोस्ट करना जारी रखने की इजाजत दी जाती है, तो वादी को अपूरणीय क्षति होगी।'

कोर्ट ने फर्जी कंटेंट को हटाने का दिया निर्देश

कोर्ट ने Meta Platforms Inc. (जिसके अंतर्गत फेसबुक और इंस्टाग्राम आते हैं) को निर्देश दिया कि वे तुरंत प्रतिवादियों द्वारा शेयर की गई फर्जी कंटेंट को हटाएं। कोर्ट ने कहा, 'यदि वादी, मुकदमे के लंबित रहने के दौरान किसी और झूठे या फर्जी वीडियो का पता लगाते हैं, जो वादी से जुड़ा नहीं है, तो वादी प्रतिवादी संख्या 9 से संपर्क करने, और उनसे ऐसे किसी भी पोस्ट/वीडियो/टेक्स्ट या किसी भी कंटेंट को ब्लॉक/हटाने का अनुरोध करने के लिए स्वतंत्र होंगे, जो उनके प्लेटफार्मों पर प्रकाशित की गई है या उनके प्लेटफार्मों का इस्तेमाल कर रही है, और इस कोर्ट के समक्ष उस आशय का एक हलफनामा दायर करेंगे।'

3 अप्रैल 2025 को होगी अगली सुनवाई

मामले की अगली सुनवाई अब 3 अप्रैल 2025 को होगी। रजत शर्मा की ओर से वकील साईकृष्ण राजगोपाल, दिशा शर्मा, स्नेहिमा जौहरी और दीपिका पोखरी ने उनका प्रतिनिधित्व किया।

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