नई दिल्ली: पिछले दिनों जब यमुना का जलस्तर बढ़ा तब दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। घरों में पानी घुस गया था। आम आदमी के घरों को तो छोड़िए, दिल्ली सरकार के मंत्रियों और विधायकों तक के घरों में पानी पहुंच गया था। देश का सबसे वीआईपी इलाका कहा जाने वाला लुटियंस में भी पहुंच गया था। जो दिल्ली देश की राजधानी होने का घमंड करती थी वह बाढ़ की वजह से परेशान थी।
दिल्ली में फिर से बाढ़ के हालात
हालांकि 4-5 दिनों बाद हालात कुछ सुधरे, लेकिन अब एक बार फिर से बाढ़ का पानी दिल्ली में आने के आसार लग रहे हैं। यमुना का जलस्तर फिर से खतरे के निशान से ऊपर जा चुका है। जानकारी के अनुसार, रविवार रात 10 बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जो 206.44 मीटर दर्ज किया गया। दिल्ली सरकार अब निचले इलाकों को खाली करने की घोषणा कर रही है।
वहीं यमुना में बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए पुराना लोहा पुल पर ट्रेनों के आवागमन को बंद कर दिया गया है। रेलवे ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि यमुना का जल स्तर बढ़कर अब 206.4 मीटर हो जाने के कारण पुराने यमुना पुल (पुराना लोहा पुल) का काम आज 22:15 बजे से निलंबित किया जा रहा है। ट्रेनों की आवाजाही को नई दिल्ली के रास्ते डायवर्ट किया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली और शाहदरा के बीच मार्ग निलंबित रहेगा।
वहीं इससे पहले 16 जुलाई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मदद करने का ऐलान किया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि यमुना किनारे रहने वाले कई बेहद गरीब परिवारों का काफ़ी नुक़सान हुआ है। कुछ परिवारों का तो पूरे घर का सामान बह गया। सीएम ने ऐलान करते हुए कहा कि सरकार आर्थिक मदद के तौर पर हर बाढ़ पीड़ित परिवार को दस हज़ार रुपये प्रति परिवार देंगे। इसके साथ ही जिनके काग़ज़ जैसे आधार कार्ड आदि बह गये, उनके लिए स्पेशल कैंप लगाए जायेंगे। वहीं इस बाढ़ में जिन बच्चों की ड्रेस और किताबें बह गयीं, उन्हें स्कूलों की तरफ़ से ये दिलाए जाएंगे।
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