दिल्ली में गुरुवार को यमुना नदीं का जलस्तर 208.28 मीटर को पार कर गया है। बुधवार की रात 10 बजे तक यमुना का जलस्तर 208.07 पर बना हुआ था। यमुना के जलस्तर के बढ़ने के कारण वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में बाढ़ का पानी घुस गया। इस बाबत जल बोर्ड के अधिकारी मोटर को सुरक्षित रखने के प्रयास में लगे हुए हैं जिससे दिल्ली में पीने के पानी की समस्या न हो। बता दें कि बाढ़ का पानी वजीराबाद और चंद्रावल तक पहुंच गया है। इस बाबत ट्वीट करते हुए दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने जानकारी दी।
दिल्ली में बढ़ा यमुना का जलस्तर
सोमनाथ भारती ने ट्वीट कर कहा कि यमुना में पानी का स्तर लगातार बढ़ने के कारण ओखला स्थित पंप हाउस में बाढ़ का पानी घुस गया। दिल्ली में पीने के पानी की समस्या से न जूझना पड़े इसके लिए पंप हाउस के मोटर का बचाव करने में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी जुटे हुए हैं। दिल्ली जल बोर्ड के पास 10 ट्रीटमेंट प्लांट्स हैं। जिसमें से वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट यमुना जी के पास है। यह प्रतिदिन 134 एमजीडी पीने का पानी उपलब्ध कराता है। शाम 6 बजे मैं वजीराबाद के ट्रीटमेंट प्लांट के दौरे पर गया था। यमुना का जलस्तर दो फीट तक बढ़ने के कारण वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के अंदर तक पानी घुस गया।
बाढ़ से प्रभावित इलाके
उन्होंने कहा कि किसी को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि प्लांट के मोटर को बाढ़ के पानी से कोई नुकसान न पहुंचे। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में प्लांट की सख्ती से निगरानी की जा रही है। बाढ़ के खतरे को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने निचले इलाकों को खाली करने को लेकर चेतावनी जारी की है। जिन इलाकों में ज्यादा खतरा है उनमें बोट क्लब, मोनेस्ट्री मार्केट, पुराने रेलवे ब्रिज के पास नीली छत्री मंदिर, यमुना बाजार, गीता घाट, नीम करोली गौशाला, विश्वकर्मा और खड्डा कॉलोनी, गढ़ी मांडू, मजनू का टीला से वजीराबाद तक का क्षेत्र शामिल है। बता दें कि बाढ़ का पानी मयूर विहार और अक्षरधाम के आसपास के इलाकों तक में फैला है।
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