नई दिल्ली: दिल्ली में कई वर्षों के बाद आई बाढ़ ने देश की राजधानी की पोल खोल कर रख दी। जो दिल्ली इस बात का दंभ भर्ती थी कि वह देश के ससे विकसित शहरों में से एक है, असल में वह गलत था। इस बार 3 दिन जमकर बारिश हुई और यमुना का जलस्तर बढ़ा तो पता लग गया कि दिल्ली कितनी पानी में है। राजधानी के कई इलाके जलमग्न हो गए। राहत और बचाव के लिए सेना और NDRF के जवान मोर्चे पर लगाए गए है। नौसेना की मदद भी ली गई। इस दौरान दिल्ली के प्रशासकों ने जमकर एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए।
इस पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी NTPC के पास- सीएम
इसी क्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आईटीओ पर बने यमुना नदी के बैराज के गेटों को लेकर कहा कि इस पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी NTPC के पास है। इसके लिए दिल्ली सरकार पैसा नहीं देती है, इसकी पूरी जिम्मेदारी एनटीपीसी की है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी भी केंद्र सरकार के अधीन आती है। इसलिए इस बारे में एनटीपीसी ही सही बता सकती है। यमुना पुल के रखरखाव में दिल्ली सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
एनटीपीसी ने आरोपों का किया खंडन
अब इस पर एनटीपीसी की तरफ से भी बयान आया है। एनटीपीसी ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि दिल्ली में ITO ब्रिज के रखरखाव से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उनपर लगाए जा रहे आरोप गलत हैं।
बता दें कि इस बैराज में कुल 32 गेट हैं, जिसमें से 27 तो खुले हुए हैं और पांच गेट कई वर्षों से बंद हैं। इस बंद गेट को खोलने के लिए तमाम मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें खोलने के लिए नौसेना और इंजीनयरों की टीम कड़ी मशक्कत कर रही है।
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