नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न के मामले में शुक्रवार को दो FIR दर्ज की हैं। कनॉट प्लेस पुलिस थाने में पहली FIR नाबालिग पहलवान की शिकायत पर दर्ज की गई है जिसमें पॉक्सो एक्ट भी लगाया गया है। वहीं दूसरी FIR 6 महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज की गई है। बृज भूषण के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद पहलवानों ने इसे इंसाफ की लड़ाई में पहली जीत बताया है लेकिन पहलवानों ने साफ कर दिया है कि उनका धरना जारी रहेगा। उनकी मांग है कि बृजभूषण सिंह को तुरंत कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटाया जाए।
इस बीच पहलवानों के धरने में नेताओं की सियासी परिक्रमा जारी है। नेता पहलवानों के मंच से जमकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी धरने में शामिल होंगे। ऐसे में आशंका ये भी जताई जा रही है कि कहीं पहलवानों की इंसाफ की लड़ाई सियासत की भेंट ना चढ़ जाए।
AAP सरकार की मंत्री आतिशी के बयान पर बवाल
इससे पहले दिल्ली सरकार के दो मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज पहले ही पहलवानों से मुलाकात कर चुके हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आप सरकार की मंत्री आतिशी ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के मौत की कामना की है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आतिशी ने जो बोला है उसमें उनकी मानसिक बीमारी दिखती है। राजनीतिक घृणा में उन्होंने खेल मंत्री के मर जाने की बात कही है। आतिशी ने इसके अलावा खेल मंत्री पर आरोपी लगाते हुए कहा कि उनके राज में महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
FIR से पहले कमिश्नर की हाईलेवल मीटिंग
दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को आखिरकार पहली कामयाबी मिली है। हालांकि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा जिसके बाद आखिरकार दिल्ली पुलिस पहलवानों की बात सुनी। उनकी शिकायत पर गौर किया और अब भारतीय कुश्ती महासंघ के मुखिया बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के एक नहीं दो-दो केस दर्ज किये गए हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो FIR दर्ज करने के लिए नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के करीब 10 इंस्पेक्टर को थाने में बुलाया गया था। FIR दर्ज करने से पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने खुद अफसरों के साथ हाईलेवल मीटिंग की थी। मामला हाईलेवल है और अब जब सुप्रीम कोर्ट का भी इसमें दखल है तो दिल्ली पुलिस ज्यादा अलर्ट दिख रही है। पहलवानों की शिकायत की जांच के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है।
- जांच के लिए दिल्ली पुलिस की 7 महिला अधिकारियों की टीम बनाई गई है
- पुलिस सभी पीड़ित महिला खिलाड़ियों के बयान दर्ज करेगी
- साथ ही जरुरत पड़ने पर इनके 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करा सकती है
- खिलाड़ियों के बयानों के आधार पर पुलिस सबूत जुटाने की कोशिश करेगी
- आने वाले दिनों में दिल्ली पुलिस की जांच का दायरा विदेश तक भी जा सकता है
- क्योंकि कुछ रेसलर ने विदेश में भी सेक्सुअल असॉल्ट की शिकायत की है
- साथ ही दिल्ली पुलिस उन राज्यों में भी जांच के लिए जाएगी जहां रेसलर ने सेक्सुअल असॉल्ट की बात की है
खिलाड़ियों को कौन कर रहा परेशान?
जांच के बाद ये 7 महिला अफसर 1 ACP को रिपोर्ट करेंगी और फिर ACP, DCP को रिपोर्ट करेंगे। बृजभूषण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज होने पर पहलवानों ने इसे इंसाफ की तरफ पहला कदम बताया है। FIR दर्ज होने पर पहलवान खुश तो हैं लेकिन इनकी लड़ाई इतनी आसान भी नहीं रहने वाली है। FIR दर्ज होने के कुछ देर बाद ही जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने आरोप लगाया कि बिजली काट दी गई है। आरोप है कि दिल्ली पुलिस धरना स्थल पर खाने-पीने समेत कोई भी सामान लाने नहीं दे रही है। खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है।
इंसाफ मिलने तक धरना जारी
दिल्ली पुलिस ने FIR भले ही दर्ज कर ली हो लेकिन पहलवानों का धरना अभी जारी है। पहलवानों ने साफ कर दिया है कि जब तक बृजभूषण सिंह जेल नहीं पहुंच जाते तब तक उनका धरना जारी रहेगा। वहीं FIR दर्ज होने के बाद बृजभूषण शरण सिंह लंबी चुप्पी के बाद खुद सामने आए और कहा कि उन्हें कोर्ट का फैसला मंजूर है, हर जांच के लिए तैयार हैं। रेसलर्स की मांग है कि बृजभूषण सिंह को सभी पदों से फौरन हटाया जाएगा नहीं तो वो जांच को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही खिलाड़ियों की मांग है कि बृजभूषण को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।
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एक तरफ जहां पहलवानों और कुश्ती महासंघ के बीच जंग जारी है। वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियां भी इस मुद्दे पर आमने सामने हैं। विपक्षी दलों ने इस बीच भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी टी उषा को आड़े हाथों लेते लिया जिन्होंने प्रदर्शनकारियों की आलोचना की थी। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि खिलाड़ियों की अनदेखी करने और उनकी बात नहीं सुनने से देश की छवि खराब हुई है।