Highlights
- 2019 में 6.7 मिलियन लोगों की मौत हो गई थी
- निगरानी स्टेशनों को 2013 में 35 से बढ़ाकर 2019 में 1,000 से अधिक कर दिया है
- दिल्ली और कोलकाता दोनों शहर पूरी दुनिया में सबसे अधिक प्रदुषित है
World’s Most Polluted cities: दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में भारत के दो शहरों का नाम सबसे ऊपर है। दिल्ली और कोलकाता दोनों शहर पूरी दुनिया में सबसे अधिक प्रदुषित है। इसी के साथ मुंबई 14वीं रैंक पर है। इन तीनों शहरों के लोग PM2.5 के स्तर के संपर्क में हैं जो वैश्विक औसत से बहुत अधिक है। 2010 से 2019 तक पीएम2.5 के स्तर में दुनिया के 20 शहरों में से भारत के 18 शहरों में अधिक बढोतरी देखी गई है।
क्या नाइट्रोजन डाइऑक्साइड है मुख्य कारण?
17 अगस्त, 2022 को स्वास्थ्य प्रभाव संस्थान (HEI) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, दो सबसे हानिकारक प्रदूषकों पर केंद्रित है; फाइन पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) ये दोनों बेहद हानिकारक है। दुनिया के सबसे बड़े शहर और शहरी क्षेत्र सबसे प्रदुषित हवा का सामना करते हैं। दुनिया भर के 7,000 से अधिक शहरों के लिए वायु प्रदूषण और वैश्विक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण 'एयर क्वालिटी एंड हेल्थ इन सिटीज के तरफ से किया जाता है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि शहरीकरण तेजी से बढ़ी है इसके वजह से सबसे अधिक खतरा मेट्रों शहरों में है खासकर विकासशील देशों में पुराने वाहनों, बिजली संयंत्रों, औद्योगिक सुविधाओं और आवासीय खाना पकाने और हीटिंग में ईंधन जलने को नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा के प्राथमिक कारणों को मुख्य रूप माना गया है।
2019 में 6.7 मिलियन लोगों की मौत हो गई
पार्टिकुलेट मैटर प्रदूषण दुनिया भर के ज्ञात हॉटस्पॉट्स पर अधिक ध्यान आकर्षित करता है, NO2 भी एक प्रमुख प्रदूषक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्योंकि शहर के निवासी घने ट्रैफिक वाली व्यस्त सड़कों के करीब रहते हैं, उन्हें अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों की तुलना में अधिक NO2 प्रदूषण के संपर्क में आने का खतरा होता है। हर साल 9 में से 1 मौत के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार होता है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि लोगों को अब सांस लेनें में दिक्कत हो रही है। कई लोग अनेक प्रकार के बिमारिंयो के शिकार हो रहे हैं। आपको बता दें कि 2019 में 6.7 मिलियन लोगों की मौत हो गई थी इसमें विशेष रूप से युवाओं, बुजुर्गों और हृदय रोगों वाले लोगों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
बीजिंग ने हवा को साफ करने वाली मशीनों की बढ़ोतरी
दुनिया भर में वायु गुणवत्ता निगरानी में सुधार की आवश्यकता रिपोर्ट में विकासशील देशों में वायु प्रदूषण के आंकड़ों को देखा गया तो कुछ हदतक का कर रहे हैं लेकिन काफी नहीं है। कई शहरों में जमीनी स्तर की हवा को स्वच्छ करने के लिए काम किया जा रहा हैं कई तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है। 2022 डब्ल्यूएचओ वायु गुणवत्ता डेटाबेस के आधार पर भारत में पटना और वाराणसी में जमीनी स्तर पर एक आधिकारिक निगरानी स्टेशन है। हालांकि इन सुधारों के बावजूद बीजिंग अभी भी शीर्ष 20 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है। यह तथ्य दुनिया भर में बेहतर स्थानीय वायु गुणवत्ता निगरानी बुनियादी ढांचे की आवश्यकता की ओर इशारा करता है। बीजिंग ने अपने हवाई निगरानी स्टेशनों को 2013 में 35 से बढ़ाकर 2019 में 1,000 से अधिक कर दिया है और केवल पांच वर्षों में शहर के वार्षिक पार्टिकुलेट मैटर के स्तर में 36% की गिरावट देखी गई थी। पिछले और निरंतर उच्च स्तर के वायु प्रदूषण के जवाब में बीजिंग ने पिछले एक दशक में कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों पर कठोर नियंत्रण लागू किया। उन्होंने यातायात से संबंधित प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त वाहन उत्सर्जन और ईंधन गुणवत्ता मानकों को भी निर्धारित किया है।