Delhi Air Pollution AQI: दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण और ज्यादा बढ़ गया है। यूं तो यहां की हवा इस त्योहार से पहले ही जहरीली हो गई थी, लेकिन दिवाली के बाद से वायु की गुणवत्ता और ज्यादा खराब हो रही है। दिवाली के अगले दिन दिल्ली का ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया था। लेकिन ये क्वालिटी कल की तुलना में आज और ज्यादा खराब हो गई है। दिल्ली में AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 349 दर्ज किया गया है। जबकि कल ये इससे कम था। इसका मतलब ये हुआ कि दिल्ली की हवा कल से ज्यादा आज जहरीली है। राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता आज बेहद खराब स्थिति में दर्ज की गई है।
एक्यूआई कैसे डिसाइड होता है?
0 से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
इन क्षेत्रों का AQI लेवल जानें-
दिल्ली के द्वारका में एक्यूआई 314, पूसा रोड में 388, लोधी रोड में 346, दिल्ली यूनिवर्सिटी में 324, आईजीआई एयरपोर्ट में 369, मथुरा रोड में 367 और आईआईटी दिल्ली में 341 दर्ज किया गया है।
दिवाली के बाद वायु हुई जहरीली
दिल्ली के पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 प्रदूषण का स्तर बुधवार सुबह राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से तीन से चार गुना ज्यादा था। यहां दिवाली की रात पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध का भारी उल्लंघन किया गया। जिसके बाद राजधानी में मंगलवार को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई, लेकिन अगले दिन प्रदूषण का स्तर साल 2015 के बाद से सबसे कम रहा। ऐसा गर्मी और हवाएं चलने के कारण हुआ है , जिसने प्रदूषण के प्रभाव को कम कर दिया।
पिछले दो साल में नवंबर में दिवाली के बाद दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में देखी गई थी। इस महीने के दौरान पराली जलाने की घटनाएं भी जोर पकड़ती हैं, जिससे क्षेत्र में घनी धुंध छाई रहती है, जबकि कम तापमान प्रदूषकों को छंटने से रोकता है। चूंकि इस साल दिवाली मौसम की शुरुआत में मनाई गई है, इसलिए अपेक्षाकृत गर्मी रहने और हवाएं चलने के कारण प्रदूषण कम रहा है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति का कहना है, राजधानी में बीते साल की तुलना में इस साल दिवाली के दौरान पीएम 2.5 के स्तर में 64 प्रतिशत की कमी और पीएम10 के स्तर में 57 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।