Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. दिल्ली: अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अक्षरधाम मंदिर में हुई भव्य उद्घोष सभा, शतकोटि हनुमान चालीसा अभियान का हुआ शुभारंभ

दिल्ली: अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अक्षरधाम मंदिर में हुई भव्य उद्घोष सभा, शतकोटि हनुमान चालीसा अभियान का हुआ शुभारंभ

शतकोटि हनुमान चालीसा अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रति क्षण श्री रामचन्द्र जी का स्मरण करना है। एक वेबसाइट 'rampratistha.com' और एक मोबाइल एप्लिकेशन - Ram Pratistha को भी लॉन्च किया है| हनुमान चालीसा के पाठ के अंक की प्रतिज्ञा भक्तजन इस वेबसाइट और एप्लिकेशन पर कर सकते हैं और अपना भक्तिभाव अर्पण कर सकते हैं।

Reported By : Nirnaya Kapoor Edited By : Shashi Rai Published : Mar 21, 2023 21:25 IST, Updated : Mar 21, 2023 21:25 IST
अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अक्षरधाम मंदिर में हुई भव्य उद्घोष सभा
Image Source : INDIA TV अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अक्षरधाम मंदिर में हुई भव्य उद्घोष सभा

अयोध्या की श्रीरामजन्मभूमि पर नूतन भव्य मंदिर में भगवान श्रीरामजी की प्रतिष्ठा का महोत्सव अगले वर्ष लगभग 15 जनवरी 2024 के तुरंत बाद होगा । इस निमित्त 21 मार्च 2023 से 15 जनवरी 2024 तक के 300 दिन पूरे देश में सांस्कृतिक चेतना के जागरण हेतु एक विराट भक्ति अभियान का सूत्रपात स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली से किया गया । स्वामी श्री बाबा रामदेव जी (पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार), स्वामी श्री गोविन्ददेव गिरि जी (रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास, अयोध्या) तथा स्वामी श्री भद्रेशदास जी (BAPS स्वामिनारायण शोध संस्थान, अक्षरधाम, नई दिल्ली)  के संयुक्त तत्त्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वप्रसिद्ध संत, महात्मा, धर्मगुरु एवं विद्वान महानुभावों ने भाग लिया । परस्पर स्नेह, सद्भाव, समरसता, सुहृदयभाव और सामंजस्य के साथ समग्र राष्ट्र में सांस्कृतिक चेतना के जागरण हेतु आयोजित इस कार्यक्रम में मंचस्थ मनीषियों में पूज्य म. मं. स्वामी श्रीपुण्यानंद गिरि जी महाराज, पूज्य स्वामी श्रीपरमात्मानंद सरस्वती जी महाराज, पूज्य स्वामी श्रीज्ञानानंद जी महाराज, पूज्य स्वामी आ. श्रीबालकानंद गिरि जी महाराज, पूज्य स्वामी श्रीप्रणवानंद सरस्वती जी महाराज, पूज्य म.मं. स्वामी श्रीविश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज, पूज्य स्वामी श्रीगोपालशरणदेवाचार्य जी महाराज, पूज्य जैन आचार्य श्रीलोकेश मुनि जी महाराज, मा. श्री चम्पत राय जी (श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या), मा. श्री नृपेन्द्र मिश्रा जी (श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या), मा. श्री आलोक कुमार जी (विश्व हिन्दू परिषद) आदि उपस्थित रहे ।

अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अक्षरधाम मंदिर में हुई भव्य उद्घोष सभा

Image Source : INDIA TV
अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अक्षरधाम मंदिर में हुई भव्य उद्घोष सभा

विभिन्न पंथ - प्रदेश - भाषा - सम्प्रदायों में विभक्त राष्ट्र के नैतिक, चारित्रिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक सशक्तीकरण के लिए सभी ने अक्षरधाम मंदिर के मंच पर एकत्र होकर संकल्प किया गया कि श्रीराम मंदिर की स्थापना से पूर्व हनुमान जी की भक्तिस्फूर्ति को जाग्रत करने शतकोटि हनुमान चालीसा वाग्यज्ञ प्रभुचरणों में समर्पित किया जाए । चूँकि राष्ट्रप्रेम, विश्वकल्याण और बंधुता की भावना का स्रोत भी यह अनन्य भक्ति ही है, अत: इसका अनुष्ठान आगामी श्री राममंदिर प्रतिष्ठा तक अनवरत किया जाएगा। इसके साथ ही भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित कथा-प्रवचन, पुस्तक-निबंध लेखन, सुन्दरकाण्ड आधारित कथा, कोन्फरेंस, संगोष्ठी, प्रतियोगिताएँ आदि अनेक प्रकार की भक्तिमय प्रवृत्तियाँ भी वर्ष भर चलेंगी ।

अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अक्षरधाम मंदिर में हुई भव्य उद्घोष सभा

Image Source : INDIA TV
अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अक्षरधाम मंदिर में हुई भव्य उद्घोष सभा

इस अवसर पर BAPS अक्षरधाम संस्थान के प्रमुख प्रकट ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज ने आशीर्वचन प्रेषित किए कि “भगवान रामचन्द्र का चरित्र सम्पूर्ण जगत के लिए प्रेरणादायी है। श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर की प्रतिष्ठा के निमित्त यह भक्ति अनुष्ठान समग्र विश्व में आध्यात्मिक मूल्यों का संचार करेगा। हमारे गुरु प्रमुखस्वामी महाराज भी सनातन धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में आजीवन समर्पित थे । श्री राम मंदिर के शिलापूजन से लेकर मंदिर-निर्माण के आयोजन में उन्होंने सदा सक्रिय योग दिया था ।” उल्लेखनीय है कि अक्षरधाम मंदिर के प्रभारी पू. मुनिवत्सल स्वामीजी ने समग्र कार्यक्रम के व्यवस्थापन में सुचारु योगदान दिया । शाम 4 बजे से इस विशेष कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ । बीएपीएस अक्षरधाम के बालप्रवृत्ति के बालकों ने वैदिक शांतिगान से सभा का श्रीगणेश किया ।

अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अक्षरधाम मंदिर में हुई भव्य उद्घोष सभा

Image Source : INDIA TV
अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अक्षरधाम मंदिर में हुई भव्य उद्घोष सभा

 
तत्पश्चात्, पूज्य संतों तथा अथितिगण का विधिवत परिचय दिया गया, महावस्त्र एवं पुष्पहार द्वारा उनका स्वागत किया गया । माननीय श्री चम्पत राय जी (श्री राम जन्मभूमि  अयोध्या) ने अपने प्रासंगिक वक्तव्य द्वारा श्रीराम जन्मभूमि एवं मंदिर का सदियों का इतिहास संक्षिप्त में बताते हुए कहा, “इस बृहत्काय कार्य में लाखों भक्तों और उनके परिवारों ने अपना समर्पण दिया है, हम उनको वंदन करते हैं ।”  सभा में आए पूज्य संत एवं मुख्य अतिथिगण ने श्रीराम दरबार का पूजन एवं मंगल दीप प्रज्वलन से सभा का मंगलचरण  किया। उस समय ऐसा प्रतीत हुआ के सभागृह का वातावरण प्रभुश्री राम, सीता जी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी के स्मरण से मंगलमय और दिव्यमय हो गया था। । सभा में बैठे सभी भक्तजनों को चलचित्र के द्वारा राम प्रतिष्ठा निमित्त शतकोटी हनुमान चालीसा अभियान के बारे में जानकारी दी गई।
 
पूज्य स्वामीजी श्री गोविंददेव गिरी जी महाराज ने सभी भक्तजनों को शतकोटी हनुमान चालीसा अभियान की प्रास्ताविक रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा, ''देशभर में श्री रामचंद्र भगवान को समर्पित हज़ारो मंदिर हैं। हालाँकि, रामजन्मभूमि अयोध्या में बनने वाला मंदिर विशेष है क्योंकि यह भक्तों की आध्यात्मिक चेतना को जागृत करेगा। ऐसी आध्यात्मिक चेतना को फिर से जगाने के लिए, श्री हनुमानजी श्री रामचंद्र भगवान के सबसे पसंदीदा भक्त हैं। हनुमान जी का स्मरण सभी को अपने भौतिक और आध्यात्मिक लक्ष्यों को हांसिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा। हनुमान चालीसा का जाप भक्तों की अशुभ क्रिया और अशुभ विचारों से रक्षा करेगा। शतकोटि हनुमान चालीसा अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रति क्षण श्री रामचन्द्र जी का स्मरण करना है। हमने एक वेबसाइट 'rampratistha.com' और एक मोबाइल एप्लिकेशन - Ram Pratistha को भी लॉन्च किया है| हनुमान चालीसा के पाठ के अंक की प्रतिज्ञा भक्तजन इस वेबसाइट और एप्लिकेशन पर कर सकते हैं और अपना भक्तिभाव अर्पण कर सकते हैं। इस एप्लिकेशन में, एक लिप्यंतरित हनुमान चालीसा लगभग 12 भाषाओं में उपलब्ध होगी, ताकि भक्त आसानी से जाप कर सकें और अपनी भक्ति अर्पित कर सकें।''
 
रामप्रतिष्ठा निमित्त शतकोटी हनुमान चालीसा अभियान का मंगल आरम्भ श्री हनुमान चालीसा के पाठ से हुआ । श्रीराम भगवान के भक्त श्री हनुमान जी  के इस चालीसा गान से वातावरण रमणीय और अलौकिक हो गया । पूज्य जैन आचार्य श्री लोकेश मुनिजी महाराज ने अपने वक्तव्य में बताया, ''मैं जैन गुरु होने के नाते समस्त विश्व के जैन गुरुओं को यह संदेश देना चाहता हूं कि जिस प्रकार भगवान आदिनाथ और भगवान महावीर का हमारे धर्म में स्थान है, उसी प्रकार भगवान श्रीराम का भी जैन धर्म में उतना ही स्थान  और पूजनीय है। जितना माहात्म्य नवकार मंत्र का है, उतना ही माहात्म्य हनुमान चालीसा का भी है। 4 अप्रैल को भगवान महावीर जयंती है और उस शुभ दिन से मैं स्वयं भी हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू करूंगा।'' तत्पश्चात्  मा. श्री  आलोक कुमार ( विश्व हिंदू परिषद) ने बताया, “शतकोटि हनुमान चालीसा अभियान की योजना के बारे में सुनकर मैं दंग रह गया, लेकिन लाखों लोगों के बलिदान, 3 लाख ईंटों का शिला पूजन, 10 करोड़ परिवारों और 65 करोड़ लोगों के मंदिर निर्माण के लिए दान आदि को याद करते हुए मुझे दृढ़ विश्वास हो गया कि यह योजना सफलतापूर्वक पूर्ण होगी। हनुमान चालीसा के पाठ से भारत का विश्वगुरु बनना तय है ।”
 
आदरणीय स्वामी श्रीप्रणवानन्द सरस्वतीजी महाराज ने अपने वक्तव्य के माध्यम से बताया, “जब मैंने इस शतकोटि हनुमानचालीसा के आयोजन के बारे में सुना तो मुझे अपने बचपन के दिन याद आ गए और उस समय एक ही नारा था 'बच्चा बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का' । आज मैं दलितों और आदिवासियों के पास जा जाकर, भगवान राम और हनुमानजी को उनके जीवन तक पहुंचाने का संकल्प करता हूं ।”
 
सभा में भाष्यकार पूज्य भद्रेश स्वामीजी ने बताया कि शत कोटि हनुमान चालीसा के पाठ का विचार सर्व प्रथम Indonesia में शुरू हुआ था। मेरे साथ श्री गोविन्द गिरिजी महाराज थे. राम जन्मभूमि में मंदिर का निर्माण तो हो रहा है परन्तु श्री राम के प्रति श्रद्धा बढ़ाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। जब राष्ट्रवाद अध्यात्म-रहित होता है तो राष्ट्रवाद भटक जाता है. भारत में राष्ट्रवाद कभी अध्यात्म से विचलित नहीं हुआ है. तभी तय हुआ कि ऐसा ऐसा संकल्प दिशा-दर्शन है। यह प्रकल्प किसी संस्था का नहीं परन्तु आम लोगों का है।
 
राम जी प्रत्येक भारतीय के हृदय में  बैठे है, राम से उनकी चेतना जागृत होगी. हमारे गुरु महंत स्वामी महाराज ने कहा 'जो चालीसा का पाठ करेगा वह समृद्ध होगा. ' इससे हमारी श्रद्धा जागेगी। यह एक पाठ में तत्वज्ञान, मनोविज्ञान का सार है। हमें गर्व है कि यह शुभारंभ अक्षरधाम से हो रहा है. अक्षरधाम से जिस आध्यात्मिक चेतना का आरम्भ हो, वह कही भी नहीं रुकेगा. आज संत शक्ति जो यहाँ विराजमान है उसे देखो. जब हम हाथ मिला लेते है तब हमें कोई नहीं तोड़ सकता।
 
 
आध्यात्मिक राम हर मनुष्य में बसते हैं। वे सभी की  चेतना हैं। गुरूजी  महंत स्वामीजी महाराज के शब्दों में विश्वास रखके, यह कहना चाहता हूँ कि यह पाठ शतकोटि में नहीं अटकेगा। पञ्च शतकोटि में भी नहीं अटकेगा. सहस्त्रकोटि में भी नहीं अटकेगा. आज गुरुजी प्रमुख स्वामी जी हमें देख रहे है. जब राम मंदिर का निर्माण का प्रस्ताव आया तो उसकी शिला का प्रथम पूजा का अवसर उन्हें मिला. और आज, इस संकल्प का शुभारम्भ भी अक्षरधाम से हो रहा है।
 
तत्पश्चात, श्री गोपालशरणदेवाचार्य जी महाराज ने कहा, “मैं उन सभी आध्यात्मिक गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ, जो सनातन धर्म की संस्कृति को विश्व भर में फैलाने में अग्रणी रहे हैं। हनुमान जी की महिमा किसी भी संप्रदाय से परे है, वे दुनिया भर में विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा पूजनीय हैं। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों और आयु समूहों और समाजों के लोग अपने जीवन में किसी भी कठिनाई को पार करने के लिए हनुमान चालीसा का जाप करते हैं। मेरा सुझाव है कि हनुमान चालीसा का पाठ हर यात्रा की शुरुआत या नए काम की शुरुआत में करना चाहिए।”
 
पू. पुण्यानंद गिरी जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा, “मेरी पढ़ाई शुरू होने से पहले ही मुझे दुर्गा कवच कंठस्थ हो गया था क्योंकि वो मेरे घर में जपा जाता था । ऐसे हाई जब सभी घरों में हनुमान चालीसा का पाठ निश दिन होगा, बच्चे अपनी पढ़ाई शुरू होने से पहले ही हनुमान चालीसा कंठस्थ कर लेंगे । इसी के द्वारा धार्मिक चेतना इस देश में पुनः जागरूकता होगी। ऐसे में कोई भी यह नहीं कहेगा कि युवा वर्ग धर्म के मार्ग से पिछड़ रहा है ”
 
पू. आ. बालकानंद महाराज जी ने बताया, “भगवान श्रीराम प्रतिष्ठा निमित्त हनुमानचालीसा का पाठ का संकल्प एक ही दिन में पूर्ण हो सकता है । जिस प्रकार पूरा विश्व योग से जुड़ा हुआ है । यदि योग के साथ रोज़ सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करे तो यह एक दिन में पूर्ण होना संभव है ।''
 
पूज्य योगगुरु स्वामी रामदेव जी महाराज ने अपने वक्तव्य में कहा, “स्वामिनारायण परम्परा हमारे साधु परम्परा का गौरव है।  संत परम्परा और त्याग कैसा होनी चाहिए उसका दर्शन अक्षर पुरुषोत्तम परम्परा के द्वारा हम देखते हैं। मैं स्वामी श्री गोविंद देव गिरी का इस अभियान के लिए आभार प्रकट करता हूँ । भगवान की स्तुति करने से उनमें प्रीति बढ़ती  है, उनकी प्रार्थना करने से हमारे में अभिमान नहीं आता, उनकी उपासना करते करते स्वयं ब्रह्मरूप स्थिति को प्राप्त कर लेते  हैं। महंत स्वामी महाराज जी ने कहा की सद्गुण हमारे अंदर प्रकट होंगे। राम मंदिर की नीव जो डाली है उससे केवल एक हज़ार नहीं परन्तु लाखों वर्षों तक यह रहेगा। भारत भूमि ऋषि मुनि की भूमि है । तपस्वियों ने मुनियों ने इस देश का अपने संघर्ष और तपश्चर्या से निर्माण  किया। ये  शतकोटी हनुमान चालीसा अभियान केवल एक प्रतीक मात्र है, इसकी गूंज सालों तक विश्व में गूंजेगी  । भगवान का स्मरण करने से अंतर के ताप नष्ट हो जाते हैं ।  प्रमुखस्वामी महाराज ने विलक्षण संतो का निर्माण किया, ऐसे ही इस अभियान से पूरे राष्ट्र में नव चेतना का संचार होगा ।”

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement