Thursday, October 31, 2024
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान- 'दोनों देशों की सेनाएं LAC से पीछे हटीं, बात आगे बढ़ेगी, लेकिन इंतजार करना होगा'

रक्षा मंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि बात डिसइंगेजमेंट से भी आगे बढ़े, लेकिन उसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। फिलहाल दोनों देशों की सेनाएं सीमा से पीछे हट गई हैं। अब चरवाहों के पास पशु चराने के लिए पहले से ज्यादा चारागाह होंगे।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Shakti Singh Updated on: October 31, 2024 12:27 IST
Rajnath Singh- India TV Hindi
Image Source : PTI सैनिकों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

भारत और चीन के बीच अहम समझौते के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बात आगे बढ़ने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि उनकी पूरी कोशिश होगी कि बातचीत इससे आगे बढ़े, लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। रक्षा मंत्री ने यह साफ किया कि अब दोनों देशों की सेनाएं एलएसी से पीछे हट चुकी हैं और सैनिकों की पेट्रोलिंग के साथ-साथ जानवरों को चराने को लेकर भी समझौते हुए हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा "LAC पर कुछ क्षेत्रों में संघर्षों को सुलझाने के लिए, भारत और चीन के बीच, राजनयिक और सैन्य, दोनों ही स्तरों पर बातचीत होती रही है। अभी हाल की बातचीत के बाद जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बनी है। यह सहमति, समानता और पारस्परिक सुरक्षा के आधार पर बनी है। इस सहमति में पारंपरिक क्षेत्रों के अंतर्गत गश्त और चराई का अधिकार भी शामिल है। इस सहमति के आधार पर, पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। हमारा प्रयास होगा, कि बात डिसएंगेजमेंट से भी आगे बढ़े, लेकिन उसके लिए, हमें अभी थोड़ा इंतजार करना होगा।"

चीन के साथ आम सहमति से शांति चाहता है भारत

राजनाथ सिंह ने 'बड़ा खाना' के अवसर पर तेजपुर स्थित गजराज कोर के मुख्यालय में भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए शांति प्रक्रिया में सैनिकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “हम आम सहमति के जरिए इस शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं और यह भारत की स्पष्ट नीति है।” उन्होंने कहा कि हालांकि, कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जबकि सरकार शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। 

लंबे समय से बात कर रहे भारत चीन

उन्होंने कहा, “यह कोई छोटी बात नहीं है, यह बहुत बड़ी बात है। हमने यह सब आपके कारण ही हासिल किया है। यह आपसी संवाद इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हर कोई आपके साहस और पराक्रम से परिचित है।” सिंह ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से पूर्वोत्तर बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र प्राकृतिक दृष्टि से जितना सुन्दर है, भौगोलिक दृष्टि से उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है।” रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन मुद्दों को सुलझाने के लिए लंबे समय से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर सीमा से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम है। हमारे प्रयासों के बाद हम एलएसी पर जमीनी हालात पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं।” 

डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी

भारतीय सेना के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी। सिंह को दिन में तवांग जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। अब वह गुरुवार को वहां जाएंगे। 'बड़ा खाना' एक ऐसे भोज का आयोजन है, जिसमें सभी रैंक के कर्मी एक साथ भोजन करते हैं।

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