Saturday, March 22, 2025
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DAC ने 54,000 करोड़ के खरीद प्रस्तावों को दी मंजूरी, सेना को मिलेंगे और ज्यादा हथियार

रक्षा मंत्रालय ने 54000 करोड़ रुपये से अधिक के सैन्य प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है, जिसमें भारतीय थल सेना, नौसेना और एयरफोर्स के लिए हथियार और उपकरण खरीदना शामिल हैं।

Written By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Mar 21, 2025 9:14 IST, Updated : Mar 21, 2025 11:43 IST
Defence ministry clears capital acquisition proposals worth over Rs 54000 crore for Army Navy Air Fo
Image Source : FILE PHOTO रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 54 हजार करोड़ के खरीद प्रस्तावों को दी मंजूरी

रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को 54,000 करोड़ रुपये से अधिक के सैन्य आधुनिकीकरण प्रस्तावों को प्रारंभिक मंजूरी दे दी, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों और छह ‘नेत्र’ हवाई पूर्व चेतावनी और नियंत्रण (एईडब्लूएंडसी) विमानों से लेकर टी-90 टैंकों के लिए उन्नत रूसी इंजन, नौसेना विमान भेदी मिसाइलों और टॉरपीडो शामिल हैं। डिफेंस काउंसिल ने भारतीय सेना के लिए टी 90 टैंकों के लिए वर्तमान के 1 हजार एसपी इंजन को अपग्रेड करने के लिए 1350 एचपी इंजन की खरीद को मंजूरी दे दी है। इससे इन टैंकों की युद्धक्षेत्र गतिशीलता में बढ़ोत्तरी होगी, खासकर हाई एल्टिट्यूड वाले क्षेत्रों में टी 90 टैंक बेहतर प्रदर्शन कर सकेगा।

नौसेना के लिए टॉरपीडो के खरीद को मंजूरी

वहीं भारतीय नौसेना के लिहाज से अगर बात करें तो वरुणास्त्र टॉरपीडो (लड़ाकू) की खरीद के लिए डीएसी ने एओएन को मंजूरी दे दी है। वरुणास्त्र टॉरपीडो को नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया है, जो एक स्वदेशी टॉरपीडो है, जो कि एक पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो है जिसे जहाज से प्रक्षेपित किया जाता है। इस टॉरपीडो की अतिरिक्त मात्रा को शामिल करने से शत्रुओं के पनडुब्बी खतरों के विरुद्ध नौसेना की क्षमता में वृद्धि होगी। वहीं भारतीय वायुसेना के लिए भी हथियारों की खरीद को काउंसिल द्वारा मंजूरी दी गई है। 

भारतीय वायुसेना को भी मिलेंगे हथियार

भारतीय वायुसेना के लिए, डीएसी ने एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूएंडसी) एयरक्राफ्ट सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी है। ए.ई.डब्लू.एंड.सी सिस्टम क्षमता बढ़ाने वाले हैं जो युद्ध के पूरे स्पेक्ट्रम को बदल सकते हैं। रक्षा मंत्रालय ने 2025 को 'सुधारों के वर्ष' के रूप में मनाने के एक हिस्से के रूप में, डीएससी ने पूंजी अधिग्रहण प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में समयसीमा को कम करने के लिए दिशानिर्देशों को भी मंजूरी दी ताकि अधिक तेजी, अधिक प्रभावी और अधिक कुशल तरीके से हथियारों के खरीद की जा सके।

अभी कितनी मजबूत है भारतीय सेना?

भारतीय सेना फिलहाल दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है, जो ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के अनुसार अमेरिका, रूस और चीन के बाद आती है। भारतीय सेना के पास 14 लाख एक्टिव सैनिक हैं और 9 लाख रिजर्व सैनिक हैं। इस तरह स्टैंडिंग आर्मी के मामले में भारत दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। रक्षा बजट की अगर बात करें तो भारत का रक्षा बजट 75 अरब डॉलर का है। थल सेना में 4,614 टैंक (टी-90, अर्जुन), 3,500+ आर्टिलरी, और 702 रॉकेट सिस्टम हैं। वायु सेना के पास 2,200 विमान हैं, जिनमें 600 लड़ाकू जेट (राफेल, सुखोई) और 899 हेलीकॉप्टर शामिल हैं। नौसेना में 295 संपत्तियां हैं, जैसे 2 विमानवाहक पोत (INS विक्रमादित्य, INS विक्रांत), 12 विध्वंसक और 18 पनडुब्बियां। "मेक इन इंडिया" के तहत तेजस, अग्नि मिसाइलें, और ड्रोन जैसी स्वदेशी तकनीक पर जोर है। परमाणु क्षमता और AI में प्रगति इसे और मजबूत बनाती है। हालांकि, स्क्वाड्रन की कमी, बजट सीमाएँ, और साइबर युद्ध में विकास की जरूरत चुनौतियाँ हैं। फिर भी, भारत की सैन्य शक्ति क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली बनी हुई है।

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