खतरे की स्थिति में आसान ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा देने के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) की ओर से देश के विभिन्न सीमाई हिस्सों में अलग-अलग प्रोजेक्स्ट्स का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से चीन-पाकिस्तान की सीमाओं पर भी विभिन्न प्रोजेक्स्ट्स का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। BRO के ऐसे ही 90 प्रोजेक्टस को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 12 सितंबर को हरी झंडी दिखाने वाले हैं। आइए जानते हैं कहां-कहां हैं ये प्रोजेक्ट्स और क्या है इनकी अहमियत...
2941 करोड़ रुपये की लागत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बीआरओ द्वारा निर्मित कुल 90 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। जम्मू-कश्मीर में बिश्नाह-कौलपुर-फूलपुर रोड पर देवक ब्रिज पर सीमा सड़क संगठन द्वारा आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री 22 सड़कों, 63 पुलों, अरुणाचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग, पश्चिम बंगाल में दो हवाई क्षेत्रों और दो हेलीपैड का उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं में से 11 जम्मू-कश्मीर में, 26 लद्दाख में, 36 अरुणाचल प्रदेश में, 5 मिजोरम में, 3 हिमाचल प्रदेश में, 2-2 सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में और 1-1 नागालैंड, राजस्थान और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बनाए गए हैं। बता दें कि बीते साल बीआरओ ने 2897 करोड़ रुपये की लागत से 103 और 2021 में, 2229 करोड़ रुपये की लागत से 102 परियोजनाओं को पूरा किया था।
जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में बढ़त
बीआरओ द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट्स में जम्मू और कश्मीर में बिश्नाह-कौलपुर-फूलपुर रोड पर 422.9 मीटर लंबा क्लास 70 आरसीसी देवक ब्रिज काफी अहम है। इस पुल का सुरक्षाबलों के लिए रणनीतिक महत्व है। इससे सैनिकों को आवाजाही में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा रक्षा मंत्री लद्दाख में न्योमा एयरफील्ड का ई-शिलान्याश भी करेंगे। पूर्वी लद्दाख में न्योमा एयरफील्ड 218 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। इसकी मदद से चीन सीमा पर वायुसेना को बढ़त मिलेगी।
अरुणाचल व पश्चिम बंगाल में भी प्रोजेक्ट्स
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड पर 500 मीटर लंबी नेचिफू सुरंग का भी उद्घाटन करेंगे। ये सुरंग रणनीतिक तवांग क्षेत्र को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बलों और प्राचीन तवांग आने वाले पर्यटकों दोनों के लिए फायदेमंद होगी। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में पुनर्निर्मित बागडोगरा और बैरकपुर हवाई क्षेत्रों का भी उद्घाटन होगा। इन हवाई क्षेत्रों का बीआरओ द्वारा 529 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसके माध्यम से उत्तरी सीमाओं पर वायुसेना को बढ़त मिलेगी।
देश की सुरक्षा को मजबूती
बीते 3 सालों में बीआरओ की ओर से कई सड़क और पुल निर्माण किए गए हैं जो देश की सुरक्षा के हिसाब से अहम हैं। इनकी मदद से चीन-पाकिस्तान के मुकाबले हमारी तैयारी मजबूत हुई है। बीते 3 साल में बीआरओ ने कुल 295 परियोजनाएं रिकॉर्ड समय में राष्ट्र को समर्पित की हैं। इनकी मदद से सीमावर्ती गांवों में स्कूली शिक्षा सुविधाओं और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों, बिजली आपूर्ति और रोजगार के अवसरों की भी सुविधाएं बढ़ी हैं।
पर्यावरण के साथ विकास
बीआरओ द्वारा इन परियोजनाओं को नई तकनीक, कम लागत और पर्यावरण के अनुकूल आधार पर पूरा किया गया है। बीआरओ द्वारा राष्ट्र की सुरक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी ढांचे का विकास किया गया है। सीमावर्ती राज्यों में मौसम की जबरदस्त चुनौतियों के बावजूद बेहतर कनेक्टिविटी के माध्यम से उन्नत रक्षा तैयारियों और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में बीआरओ काफी अहम योगदान दे रहा है।
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