गुरुग्राम: इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने डीप फेक और डिजिटल अरेस्ट को आज की सबसे बड़ी चुनौती बताया है। उन्होंने कहा कि मेवात और नूंह का इलाका इसका सबसे बड़ा गढ़ बन गया है, जहां नए उम्र के लड़कों को ट्रेनिंग दी जा रही है। यह खतरा बहुत बड़ा है, समाज को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है, यह चुनौती पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है। बहुत बड़े स्तर पर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके बारे में लोगों को समझाना भी बहुत मुश्किल है। रजत शर्मा रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3011 के वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर गुरुग्राम में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
'रोटरी की अदालत में रजत शर्मा' कार्यक्रम
दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में रोटरी क्लब के सदस्यों ने रजत शर्मा का जोरदार स्वागत किया। उसके बाद 'रोटरी की अदालत में रजत शर्मा' कार्यक्रम शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में रजत शर्मा ने मीडिया के अपने अनुभव और चुनौतियों पर विचार व्यक्त किया फिर लोगों के सवालों के भी जवाब भी दिए ।
डिजिटल मीडिया को लेकर फैल रहा अविश्वास
रजत शर्मा ने अखबार ,ब्रॉडकास्ट मीडिया और डिजिटल मीडिया को लेकर अपने अनुभव को शेयर किया तो वहीं डिजिटल मीडिया को लेकर समाज में फैल रहे अविश्वास को भी एक चुनौती माना, जहां बिना सत्यता परखे ही कुछ भी वायरल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक ऐसा ही प्लेटफार्म यूट्यूब है। जिसे वीडियो बनाने का कोई अनुभव नही है वह भी इस प्लेटफार्म पर धड़ल्ले से वीडियो अपलोड कर रहा है। और यह सब व्यूज़ पाने और कुछ पैसे कमाने के लिए किया जा रहा है।
सरकार को कानून बनाने की जरूरत
उन्होंने बताया कि डीप फेक और डिजिटल अरेस्ट सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ गया है, जिसके बारे में कितना भी समझाने के बाद भी लोग समझने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने खुद के डीप फेक की घटनाओं का जिक्र किया और कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है कि इन पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए खतरा बड़ा है। सरकार को कानून बनाने की जरूरत है। कानून ऐसा बने ताकि दूसरे देशों में बैठकर ऐसी घटनाओं को अंजाम देनेवाले लोगों तक भी पहुंच हो सके ।
रील्स बनाने के लिए जान जोखिम में डाल रहे
रजत शर्मा ने बताया कि किस तरह लोग रील्स बनाने के लिए जान जोखिम में डाल रहे हैं। व्यूज न मिलने पर लोग घटना के शिकार हो रहे हैं। इमोशनल और फाइनेंसियल दोनों तरह से नुकसान हो रहा है। यह अलग-अलग खतरा है। उन्होंने कहा कि रोटरी क्लब ने समाज के लिए काम किया है, अब वे इस नई चुनौती के लिए समाज को जागरूक करें। हमें समाज को जागरूक करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर आप लोग यह कर पाएंगे तो हमारा यहां आना सफल होगा।