Sunday, March 23, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Shaheed Diwas: जब राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह ने देश के लिए दी शहादत, जानें क्या है शहीद दिवस की अहमियत

Shaheed Diwas: जब राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह ने देश के लिए दी शहादत, जानें क्या है शहीद दिवस की अहमियत

देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह को आज के दिन फांसी की सजा दी गई थी। उन्होंने हंसते-हंसते इस कुर्बानी को कुबूल किया था। आज इन तीनों महापुरुषों की शहादत को शहीद दिवस के रूप में जाना जाता है।

Edited By: Amar Deep
Published : Mar 23, 2025 7:40 IST, Updated : Mar 23, 2025 7:43 IST
शहीद दिवस।
Image Source : FILE शहीद दिवस।

Shaheed Diwas: देश की आजादी में भगत सिंह का योगदान कौन भूल सकता है। भारत में बच्चा-बच्चा भगत सिंह के बलिदान के बारे में जानता है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, भारतीय युवाओं के आदर्श और साहस के प्रतीक भगत सिंह की आज पुण्यतिथि है। आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को उन्हें और उनके साथियों राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा फांसी दी गई थी। यह दिन आज भी भारत में "शहीद दिवस" के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस दिन तीनों महान स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहुति दी थी।

बचपन से ही था देश से लगाव

बता दें कि भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। वह बचपन से ही राष्ट्रीय आंदोलन से प्रभावित थे और उनके मन में अंग्रेजों के खिलाफ गहरी नफरत थी। भगत सिंह का मानना था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए केवल अहिंसा का मार्ग नहीं, बल्कि क्रांतिकारी गतिविधियां भी जरूरी हैं। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि यदि कोई देश अपनी स्वतंत्रता चाहता है, तो उसे पूरी तरह से संघर्ष करना चाहिए। भगत सिंह की सबसे चर्चित घटना 1929 में दिल्ली विधानसभा में बम फेंकने की थी, जिसका उद्देश्य केवल ध्यान आकर्षित करना था, किसी की जान लेने का नहीं। 

तीन महापुरुषों को दी गई फांसी

इसके बाद वह पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए और उनके खिलाफ मुकदमा भी चला। भगत सिंह और उनके साथियों ने अदालत में अपनी बातें प्रकट करने का अवसर लिया और उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ तीव्र विचार व्यक्त किए। उनकी शहादत ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की फांसी ने युवाओं के दिलों में एक नई क्रांतिकारी भावना का संचार किया। उनके बलिदान ने भारतीय जनता को यह सिखाया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए आत्मसमर्पण और बलिदान अनिवार्य हैं। आखिरकार तीनों महापुरुषों के बलिदान और आजादी के संघर्ष की वजह से 1947 में भारत अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ। 

क्या है शहीद दिवस का महत्व

23 मार्च का दिन "शहीद दिवस" के रूप में इसलिए जाना जाता है, क्योंकि इस दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपनी जान की कुर्बानी दी। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए केवल संघर्ष की आवश्यकता नहीं, बल्कि साहस और बलिदान भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। हर साल इस दिन शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है और उनके संघर्ष को याद किया जाता है, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनकी शहादत से प्रेरित हो सकें। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement