कोरोनोवायरस के लिए बनाए गए कोविन पोर्टल से डेटा लीक का मामला गर्माया हुआ है। इस मामले पर विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साधा जा रहा है। इस मामले पर अब केंद्र सरकार ने सफाई दी है। इस मामले पर सरकार ने कहा कि कोविन पोर्टल से डेटा लीक की रिपोर्ट पूरी तरह बेबुनियाद है और उसका कोई आधार नहीं है। सरकार ने कहा कि कोविन पोर्टल पूरी तरह सुरक्षित है। यहां सभी प्रकार की सूचनाएं व जानकारियां सुरक्षित हैं। इस मामले पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी ट्वीट कर सफाई दी है।
क्या बोले राजीव चंद्रशेखर?
राजीव चंद्रशेखर ने भी ट्वीट कर डेटा लीक मामले पर कहा कि एक टेलीग्राम अकाउंट फोन नंबर डालने पर कोविन ऐप की डिटेल रहा था। टेलीग्राम बॉट के पास यह डेटा पहले जो लीक था या चोरी हुआ था उसी के जरिए किया गया। ऐशा नहीं लगता कि कोविन ऐप के डेटा बेस का पूरी तरह उल्लंघन किया गया है। नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी को फिलहाल अंतिम रूप दिया जा रहा है जिसके तहत सरकारी विभागों में डेटा स्टोरेज, एक्सेस और सिक्योरिटी मानकों पर नियम भी तैयार किया जाएगा।
क्या है विपक्ष का आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि कोविन पोर्टल से भारतीय नागरिकों की पर्सनल डेटा जैसे आधार कार्ड और पासपोर्ट की जानकारी टेलीग्राम पर लीक हुई है। इस मामले पर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और कांग्रेस के नेता कीर्ति चिदंबरम ने इसे डेटा उल्लंघन का मामला बताया और सरकार को घेरा। उन्होंने बताया कि मलयाला मनोरमा की रिपोर्ट में दावा किया गाय है कि कोविन पोर्टल पर उपलब्ध नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा टेलीग्राम पर उपलब्ध थे। ये डेटा टेलीग्राम पर आसानी से मिल रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रवक्ता साकेत गोखले ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोविन की मदद से गोपनीयता भंग की गई है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय व सरकार ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक विस्तृत रिपोर्ट पर काम कर रहा है और अभी जांच की जा रही है।