नई दिल्ली: तवांग विवाद देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। चीन से तनाव को लेकर संसद के दोनों सदनों में भी जबरदस्त हंगामा हुआ है। इस बीच तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है। मैं भारत को पसंद करता हूं। कांगड़ा पंडित नेहरू की पसंद है, यह जगह मेरा स्थायी निवास है।' उन्होंने यह बात हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में कही है।
जब दलाई लामा से तवांग गतिरोध के मद्देनजर चीन के लिए उनके संदेश के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "चीजें सुधर रही हैं। यूरोप, अफ्रीका और एशिया में चीन अधिक लचीला है। लेकिन चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है। मैं भारत को पसंद करता हूं। यही बात है।"
तवांग में क्या हुआ था?
बता दें कि 9 दिसंबर को तवांग के यांग्त्से क्षेत्र में चीनी सैनिकों की ओर से एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की गई। इस बीच भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों का डटकर मुकाबला किया और उन्हें अपनी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया।
दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में दोनों देशों के सैनिक घायल हुए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को यह बताया था कि झड़प में किसी सैनिक को गंभीर चोट नहीं आई है। कुछ सैनिक मामूली रूप से घायल हुए हैं जिनका इलाज चल रहा है।