चक्रवात रेमल का असर पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में दिखने लगा है। चक्रवाती तूफान को ध्यान में रखते हुए राज्य प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी है और केंद्र सरकार पर भी इसपर नजर बनाए हुए है। शनिवार को राज्य के मुख्य अधिकारियों के बीच इस बाबत चर्चा हुई है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा भी चक्रवाती तूफान को लेकर चर्चा की गई है। चक्रवाती तूफान के मद्देनजर कंट्रोल रूम तैयार किया गया है, जहां जरूरी दवाओं समेत अन्य चीजों का भंडारण किया गया है। साथ ही मछुआरों को नसीहत दी गई है कि वे तुरंद समुंद्र से लौटें और 27 मई तक समुद्र में न जाएं।
बंदरगाहों पर अलर्ट जारी
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी एनडीआरएफ की 12 टीमों के अलावा पांच अतिरिक्त टीमों को चक्रवाती तूफान को देखते हुए तैयार रहने को कहा गया है। साथ ही सेना, नौसेना और कोस्ट गार्ड्स को भी बचाव और राहत टीमों को तैयार रहने को कहा गया है। इस बीच कोलकाता और पारादीप के बंदरगाहों पर नियमित अलर्ट के साथ सलाह जारी किया गया है। बता दें कि मौसम विभाग ने रविवार-सोंवार को बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। विभाग ने 26-27 मई को बंगाल के तटीय जिलों दक्षिण और उत्तर 24 परगना के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
21 घंटों तक उड़ानों को किया गया रद्द
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान रेमल रविवार देर रात बंगाल के सागरद्वीप व बांग्लादेश के तटों के बीच लैंडफॉल कर सकता है। जानकारी के मुताबिक जब चक्रवाती तूफान तट से टकराएगा, उस दौरान हवा की रफ्तार 110 से 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार रहने की आशंका है। चक्रवाती तूफान रेमल के मद्देनजर रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए कोलकाता हवाई अड्डे से उड़ानों का परिचालन पूरी तरह से निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों ने इस दौरान कहा कि चक्रवाती तूफान को देखते हुए 26 मई की दोपहर 12 बजे से 27 मई की सुबह 9 बजे तक उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है।