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धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है चक्रवात 'बिपारजॉय', अगले कुछ घंटों में गंभीर तूफान में बदलने की आशंका, IMD का अलर्ट जारी

अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव के बाद बना चक्रवाती तूफान बिपारजॉय धीरे-धीरे आगे की ओर बढ़ रहा है। इसके अगले कुछ घंटों में गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है

Edited By: Niraj Kumar
Published on: June 07, 2023 7:48 IST
Cyclone Biparjoy- India TV Hindi
Image Source : पीटीआई अरब सागर में बना तूफानी चक्रवात बिपारजॉय

नई दिल्ली: अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान धीरे-धीरे देश के तटीय इलाके की ओर बढ़ रहा है। अगले 6 घंटे में इस तूफान के और तेज होने की संभावना है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक देर रात तक यह तूफान अरब सागर में गोवा तट से करीब 900 किमी दूर केंद्रित था। पूर्व-मध्य और आस-पास के दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर केंद्रित यह चक्रवाती तूफान धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। 

समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने का अनुमान 

चक्रवात बिपारजॉय के चलते  केरल-कर्नाटक के तटीय और लक्षद्वीप-मालदीव के इलाकों में कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने का अनुमान जताया गया  है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। इससे पहले मौसम विभाग ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके गहरा होने से मानसून का केरल तट की ओर आगमन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई। 

मॉनसून को प्रभावित कर सकता है चक्रवात

मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली प्राइवेट एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मानसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है लेकिन इस दौरान हल्की बारिश की ही संभावना है। ‘स्काइमेट वेदर’ की ओर से बताया गया कि अरब सागर में मौसम में यह बदलाव अंदरुनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित कर सकती हैं। इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा।’ 

7 जून को मानसून के आने का पूर्वानुमान

स्काईमेट ने पहले मानसून के 7 जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान जताया था और यह तीन दिन पहले या बाद में हो सकता है। स्काईमेट ने कहा था, ‘दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस समयावधि के भीतर आने की संभावना है। मानसून की शुरुआत तब मानी जाती है जब लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक में लगातार दो दिनों में निर्धारित वर्षा होती है। तदनुसार, वर्षा का प्रसार और तीव्रता 8 जून या 9 जून को इन आवश्यकताओं से मेल खा सकती है। हालांकि, मानसून की शुरुआत जोरदार तरीके से नहीं हो सकती है।’ 

चक्रवात के कमजोर होने के बाद मानसून आगे बढ़ेगा

आईएमडी में वरिष्ठ वैज्ञानिक डी एस पई ने बताया कि केरल में सोमवार को भी अच्छी बारिश हुई और स्थितियां अगले दो से तीन दिन में मानसून के आगमन के लिए अनुकूल हैं। पई ने कहा कि चक्रवाती तूफान और बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दाब के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश होगी। उन्होंने कहा कि चक्रवात के कमजोर होने के बाद मानसून दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे बढ़ेगा। (इनपुट-भाषा)

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