Friday, November 22, 2024
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हुदहुद, ताउते, फेनी… ये हैं भारत में पिछले 10 सालों में आए सबसे घातक समुद्री चक्रवात

भारत में ज्यादातर चक्रवाती तूफानों की उत्पत्ति बंगाल की खाड़ी में होती है लेकिन पिछले कुछ सालों में अरब सागर में भी चक्रवातों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Updated on: June 15, 2023 22:13 IST
Cyclone Biparjoy, Cyclone Amphan, Cyclone Hudhud, Cyclone Tauktae- India TV Hindi
Image Source : AP FILE भारत के 7516 किमी लंबे तटीय क्षेत्र में समुद्री चक्रवात आते ही रहते हैं।

नई दिल्ली: शक्तिशाली चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के गुजरात में कच्छ जिले में स्थित जखौ बंदरगाह के पास तट से टकराने के बीच तमाम लोगों को ऐसे पुराने समुद्री तूफानों की याद आ गई है। बता दें कि भारत का कुल तटीय क्षेत्र 7516 किलोमीटर लंबा है और भारत दुनिया के लगभग 8 प्रतिशत उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के प्रति संवेदनशील है। इन चक्रवातों के असर के दायरे में देश के करीब 32 करोड़ लोग आते हैं। पूर्व तट पर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल हैं जबकि पश्चिमी तट पर केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात ऐसे चक्रवाती तूफानों के दायरे में आते हैं।

ज्यादातर चक्रवातों की उत्पत्ति बंगाल की खाड़ी में होती है और वे भारत के पूर्वी तट को प्रभावित करते हैं। लेकिन हाल के शोध में सामने आया है कि बीते कुछ दशकों में अरब सागर में चक्रवातों की संख्या, अवधि और तीव्रता में खासी बढ़ोतरी हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हर साल 5-6 उष्णकटिबंधीय चक्रवात बनते हैं जिनमें से 2-3 ही गंभीर हो सकते हैं। पिछले 10 सालों में कई घातक चक्रवातों ने भारत के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया है। कुछ तूफान तो इतने खतरनाक रहे हैं कि उनमें दर्जनों जानें गई हैं।

1) चक्रवात ताउते: बेहद गंभीर चक्रवात ‘ताउते’ 17 मई 2021 को दक्षिणी गुजरात के तट से टकराया था और उस समय भारत कोविड-19 की दूसरी लहर के कहर से जूझ रहा था। अमेरिकी ‘ज्वाइंट टाइफून वार्निंग सेंटर’ के मुताबिक, इसके तहत 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और यह कम से कम 2 दशकों में भारत के पश्चिमी तट को प्रभावित करने वाला ‘सबसे ताकतवर उष्णकटिबंधीय चक्रवात’ था। ताउते ने 100 से ज्यादा लोगों की बलि ली थी, जिनमें से अधिकांश लोग गुजरात के थे। इसके अलावा केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में भी काफी तबाही हुई थी।

Cyclone Biparjoy, Cyclone Amphan, Cyclone Hudhud, Cyclone Tauktae

Image Source : AP FILE
देश में चक्रवातों के असर के दायरे में देश के करीब 32 करोड़ लोग आते हैं।

2) चक्रवात अम्फान: 1999 के ओडिशा के सुपर साइक्लोन के बाद अम्फान बंगाल की खाड़ी में आया पहला सुपर साइक्लोन था जो 20 मई 2020 को पश्चिम बंगाल में सुंदरबन के पास टकराया था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के मुताबिक, अम्फान उत्तर हिंद महासागर में रिकॉर्ड किया गया सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाला उष्णकटिबंधीय चक्रवात था। भारत और बांग्लादेश में करीब 14 अरब अमेरिकी डॉलर (1 लाख 12 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ था और 129 लोगों की जान गई थी।

3) चक्रवात फेनी: यह चक्रवात मई 2019 को ओडिशा में पुरी के पास 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भारत के पूर्वी तट से टकराया था। फेनी की वजह से 64 लोगों की मौत हुई थी और घरों, बिजली के तारों, फसलों, संचार नेटवर्क तथा जल आपूर्ति प्रणाली समेत अन्य अवसंरचना को भारी नुकसान पहुंचा था।

4) चक्रवात वरदा: यह चक्रवात 12 दिसंबर 2016 को चेन्नई के नज़दीक तट से टकराया था। वरदा बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान था और इसके कारण तमिलनाडु में 18 लोगों की जान गई थी और चेन्नई तथा आसपास के इलाकों में अवसंचरना को नुकसान हुआ था। इस तूफान की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ गिर पड़े थे और बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी।

Cyclone Biparjoy, Cyclone Amphan, Cyclone Hudhud, Cyclone Tauktae

Image Source : AP FILE
चक्रवातों की वजह से देश में जानमाल का काफी नुकसान देखने को मिलता रहा है।

5) चक्रवात हुदहुद: यह चक्रवात आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों से 12 अक्टूबर 2014 को टकराया था। हुदहुद की वजह से करीब 124 लोगों की मौत हुई थी और इमारतों, सड़कों और विद्युत ग्रिड समेत अवसंरचना को भारी क्षति पहुंची थी। भारी बारिश, तेज हवाओं, तूफानी लहरों और बाढ़ के कारण विशाखापत्तनम और आस-पास के इलाके काफी प्रभावित हुए थे।

6) चक्रवात फैलिन: 12 अक्टूबर 2013 को फैलिन ओडिशा के गंजम जिले के गोपालपुर के पास तट से लगभग 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराया था। चक्रवात फैलिन से राज्य के 18 जिलों के 171 ब्लॉक में लगभग 1.32 करोड़ लोग प्रभावित हुए और 44 लोगों की मौत हुई। (भाषा)

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