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पुलिस ने देह व्यापार का किया भंडाफोड़, 14,000 से ज्यादा लड़कियों को बचाया

देह व्यापार से जुड़ी साइबराबाद पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने 14,000 से ज्यादा लड़कियों को छुड़ाया है। इसमें विदेशी महिलाएं भी शामिल थीं।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published on: December 07, 2022 7:38 IST
 साइबराबाद पुलिस- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA साइबराबाद पुलिस

साइबराबाद पुलिस ने मंगलवार को 17 लोगों की गिरफ्तारी के साथ एक बड़े देह व्यापार का भंडाफोड़ किया है। पुलिस बताया कि 14,000 से अधिक पीड़िताओं को छुड़ाया गया है, जिनमें कुछ विदेशी महिला भी शामिल थी। साइबराबाद के पुलिस आयुक्त स्टीफन रवींद्र ने कहा कि रैकेट दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद से ऑनलाइन ऑपरेट किया जा रहा था।

ग्राहकों से ऐसे करते करते थे संपर्क 

वहीं पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी भारत भर में अलग-अलग जगहों से महिलाओं को खरीद करने का काम करते थे, वेबसाइटों पर विज्ञापन पोस्ट कर, कॉल सेंटर और व्हाट्सएप के माध्यम से ग्राहकों से संपर्क कर रहे थे। ग्राहकों को विभिन्न होटलों, ओयो रूम्स में पीड़िताओं तक पहुंचाने की सुविधा दे रहे थे और इस संगठित वेश्यावृत्ति रैकेट के लिए पैसे इकट्ठा कर रहे थे।

इन देशों की महिलाएं भी शामिल 
इस वेश्यावृत्ति में कुल 14,190 पीड़िताएं शामिल थीं। पचास प्रतिशत पीड़िताएं पश्चिम बंगाल से, 20 प्रतिशत कर्नाटक से और 15 प्रतिशत महाराष्ट्र से, तीन फीसदी बांग्लादेश, नेपाल, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान और रूस जैसे देशों से थीं। रैकेट कॉल सेंटर दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद से संचालित किए गए थे और संचार का मुख्य साधन व्हाट्सएप समूह थे।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ किया दर्ज 
आरोपियों पर साइबराबाद के चार पुलिस स्टेशनों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 370 (गुलाम के रूप में किसी व्यक्ति को खरीदना या निपटाना) और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले साइबराबाद और हैदराबाद कमिश्नरेट में 15 आयोजकों के खिलाफ 40 मामले दर्ज किए गए थे और ज्यादातर मामलों में वे फरार थे।

इस तरह से चलता था रैकट 
कमिश्नर ने आरोपी के तौर-तरीकों के बारे में बताते हुए कहा कि दलाल (पीड़ित आपूर्तिकर्ता) पीड़िता से संपर्क करते थे और आयोजकों के व्हाट्सएप ग्रुप में उसकी तस्वीरें डालते थे, जो पीड़ितों का चयन करते थे, होटल, फ्लाइट टिकट आदि बुक करते थे। होटलों में चेकिंग की। आयोजकों ने व्हाट्सएप ग्रुपों में पीड़ितों की तस्वीरें पोस्ट कीं और उन्हें कॉल गर्ल वेबसाइटों पर अपलोड किया। जब भी ग्राहकों ने व्हाट्सएप नंबर पर कॉल किया या संदेश भेजा, कॉल सेंटर के लोगों ने आयोजकों के साथ संपर्क विवरण साझा किया। इसके बाद आयोजकों ने पीड़िता की सेवा में मदद की। ग्राहकों ने नकद या डिजिटल भुगतान ऐप के माध्यम से भुगतान किया। आयोजकों ने पीड़ितों को 30 फीसदी पैसा, विज्ञापन पोस्टिंग के लिए 35 फीसदी और 30 फीसदी अपने पास रखा।

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