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CVC की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, 600 ‘भ्रष्ट’ अधिकारियों पर अभियोग चलाने के लिए 171 मामले मंजूरी के वास्ते लंबित

C VC की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि करप्शन के 600 से ज्यादा आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन के लिए 171 मामले विभिन्न सरकारी विभागों की मंजूरी के वास्ते लंबित हैं।

Reported By : PTI Edited By : Akash Mishra Published on: August 26, 2022 15:58 IST
Central vigilance Commission(File Photo)- India TV Hindi
Image Source : PTI Central vigilance Commission(File Photo)

CVC Report: केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि करप्शन के 600 से ज्यादा आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन के लिए 171 मामले विभिन्न सरकारी विभागों की मंजूरी के वास्ते लंबित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से सबसे ज्यादा 65 मामले ऐसे हैं, जिनमें वित्तीय सेवा विभाग(Department of Financial Services) के 325 अधिकारी आरोपी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सीमा शुल्क(Custom duty) और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग(Central Excise Department) के 67 अधिकारियों के विरुद्ध 12 मामले, रेलवे मंत्रालय के 30 अधिकारियों के खिलाफ 11 मामले और रक्षा मंत्रालय के 19 अधिकारियों के विरुद्ध आठ मामले दर्ज हैं। बता दें कि इन मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रहा है। 

और क्या कहती है सीवीसी की रिपोर्ट 

रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर 2021 तक, 15 अधिकारियों पर अभियोग चलाने की मंजूरी के वास्ते उत्तर प्रदेश सरकार के पास आठ मामले लंबित थे। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में आठ अधिकारियों के विरुद्ध छह मामले थे। रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर सरकार के पास आठ अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा चलाने के वास्ते ऐसे पांच मामले और दिल्ली सरकार के पास 36 अधिकारियों के विरुद्ध चार मामले लंबित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय को भ्रष्टाचार के आरोपी 11 अधिकारियों के विरुद्ध चार मामलों में मंजूरी देना बाकी है, जबकि शिक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में तीन-तीन ऐसे मामले लंबित हैं। सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट-2021 में यह जानकारी दी गई है। 

ऐसे मामलों पर फैसले की समय सीमा तीन माह ही होती है

रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग, आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में भी तीन-तीन मामले मंजूरी के लिए लंबित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, “आयोग द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत विभिन्न संगठनों के लिए अभियोजन के वास्ते लंबित मामलों की प्रगति की समीक्षा की जाती है।” कुल लंबित मामलों में से 82 ऐसे हैं, जिनमें कथित रूप से भ्रष्ट 350 अधिकारियों के मामले तीन महीने से ज्यादा समय से अनिर्णीत हैं, जबकि ऐसे मामलों पर फैसले की समय सीमा तीन माह ही होती है। 

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