Monday, September 16, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का निधन, 72 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में ली आखिरी सांस

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का निधन, 72 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में ली आखिरी सांस

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी अब नहीं रहे। उन्होंने दिल्ली के एम्स में आज आखिरी सांस ली। वह कई दिनों से एम्स में भर्ती थे। उन्हें आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।

Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: September 12, 2024 16:43 IST
CPIM नेता सीताराम येचुरी का निधन- India TV Hindi
Image Source : PTI CPIM नेता सीताराम येचुरी की फाइल फोटो

नई दिल्लीः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। येचुरी को फेफेड़े में संक्रमण (लंग इन्फेक्शन) था। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह पिछले कई दिनों से दिल्ली के एम्स में भर्ती थे। सूत्रों के मुताबिक, सीताराम येचुरी का निधन गुरुवार शाम 3 बजकर पांच मिनट पर हुआ। 

आईसीयू में भर्ती थे येचुरी

माकपा ने मंगलवार को एक बयान में बताया था कि 72 वर्षीय येचुरी को यहां एम्स में आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। इसमें बताया गया था कि उनका श्वसन नली संक्रमण का उपचार किया जा रहा है। येचुरी को निमोनिया की तरह के सीने में संक्रमण के उपचार के लिए 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था। माकपा नेता का हाल ही में मोतियाबिंद का आपरेशन भी हुआ था।

राहुल गांधी और अखिलेश समेत कई नेताओं ने जताया शोक

सीताराम येचुरी के निधन पर बीजेपी, कांग्रेस समेत कई पार्टियों के नेताओं ने शोक जताया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने येचुरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। वहीं, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शोक जताया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सीताराम येचुरी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ, जो कुछ साल पहले संसद में मेरे सहयोगी थे। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। 

2015 में बने थे सीपीएम के महासचिव

येचुरी 2015 में प्रकाश करात के बाद सीपीएम के महासचिव बने थे। उन्होंने पार्टी के दिवंगत नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के साथ रहकर राजनीति सीखी थी। येचुरी ने अपने कौशल को तब और निखारा जब वाम दलों ने पहली यूपीए सरकार का समर्थन किया और अक्सर नीति-निर्माण में कांग्रेस के नेतृत्व वाले शासन पर दबाव डाला। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए और अगले ही साल पार्टी के सदस्य बन गए।

रिपोर्ट- अनामिका

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement