रांची: झारखंड में माओवादियों ने एक बार फिर दिल को दहलाकर रख देने वाली वारदात को अंजाम दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूबे के बोकारो जिले के चतरो चट्टी थाना क्षेत्र में मंगलवार की देर रात माओवादियों ने एक आदिवासी शख्स को पुलिस मुखबिरी के आरोप में मौत के घाट उतार दिया। मारे गए शख्स की पहचान चुटे पंचायत के दंडरा गांव निवासी 35 वर्षीय सुखराम मांझी के रूप में हुई है। मांझी का शव पुलिस ने बुधवार की सुबह बरामद किया। बताया जा रहा है कि सुखराम मांझी ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्य रह चुके थे।
मांझी को घर से पकड़कर ले गए और मार डाला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की देर रात माओवादियों का दस्ता सुखराम मांझी के घर पहुंचा और उन्हें पकड़ लिया। माओवादी मांझी को थोड़ी दूर ले गए और गला रेतकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद माओवादियों ने मांझी के शव को वन विभाग के क्वार्टर के पास फेंक दिया। बताया जा रहा है कि घटना को अंजाम देते हुए उन्होंने पुलिस की मुखबिरी बंद करो जैसे नारे भी लगाए। घटनास्थल पर नक्सलियों ने पर्चा छोड़कर वारदात की जिम्मेदारी भी ली है और पर्चे में लिखा है कि जो भी व्यक्ति पुलिस की मुखबिरी करेगा, उसका यही हश्र होगा।
भाकपा (माओवादी) ने ली हत्या की जिम्मेदारी
भाकपा (माओवादी) ने सुखराम मांझी की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए उसके ऊपर माओवादियों के खिलाफ मुखबिरी का आरोप लगाया गया है। बता दें कि पिछले कुछ समय से सुखराम मांझी गांव में ही मुर्गे की एक दुकान चलाते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को मांझी की हत्या के बारे में जानकारी मंगलवार की रात को ही मिल गई थी, लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से पुलिस उस समय घटनास्थल पर नहीं गई। बुधवार को पुलिस ने मांझी का शव बरामद किया और उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।