Corona Virus In India: देश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमित 1,500 से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए हैं, जो पिछले 146 दिन में सबसे ज्यादा हैं। हालांकि एक दिन में 910 लोग कोरोना से संक्रमित होने के बाद ठीक भी हुए हैं। देश में फिलहाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 8,601 है। देश भर में रिपोर्ट किए गए कोरोनावायरस मामलों में देखी जा रही तेजी ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए। सरकार ने कुछ राज्यों में कोविड -19 परीक्षण ज्यादा से ज्यादा करने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 के लिए ज्यादा से ज्यादा जांच कराया जाना चाहिए। जिन राज्यों में कोविड के नए मामले आ रहे हैं वहां कोविड की नए वेरिएंट की जांच कर पता लगाना चाहिए। मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, "किसी भी उभरते हुए हॉटस्पॉट की पहचान करना और वायरस के संचरण को रोकने के लिए पहले से अलर्ट रहना और वायरस को फैलने से रोकने के लिए समय रहते आवश्यक कदम उठाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।"
मंत्रालय ने कहा कि राज्यों में “पिछले कई हफ्तों में, कुछ राज्यों में, कोविड -19 परीक्षण में गिरावट आई है और वर्तमान परीक्षण स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित मानकों की तुलना में अपर्याप्त हैं। कुछ राज्य कम संवेदनशील रैपिड एंटीजन परीक्षणों पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा-अलर्ट रहें, घबराएं नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने शनिवार को वाराणसी में कहा कि वर्तमान में, देश में, Covid19 का नया वेरिएंट पाया गया है, वह Omicron का ही सब वेरिएंट है। हमें सतर्क रहने की जरूरत है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। हर नए वैरिएंट को आइसोलेट किया जाता है और इसका परीक्षण किया जाता है कि हमारे टीके इसके खिलाफ प्रभावी हैं या नहीं। हमारे टीके अब तक पाए गए सभी Covid19 वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी पाए गए हैं।
जानिए क्या करें और क्या ना करें
सरकारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि कोरोनावायरस और इन्फ्लूएंजा के लक्षणों में समानता होती है। इसके लिए जांच जरूरी है। घनी आबादी और भीड़ में यह तेजी से फैल सकता है। लक्षणों पर ध्यान दें।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "इनफ्लूएंजा और कोरोना दोनों के लक्षणो में समानता होती है जो डॉक्टरों के लिए भी एक नैदानिक दुविधा पेश कर सकता है।
इन दोनों बीमारियों को सरल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन करके आसानी से रोका जा सकता है, जैसे भीड़भाड़ में ना जाएं। हाथों को बार-बार साबुन से धोएं, सैनिटाइजर का प्रयोग करें। फेसमास्क लगाएं।
वायरस के संचरण को रोकने के लिए, सरकार ने लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक नई एडवाइजरी जारी की है।
गाइडलाइंस में कहा गया है कि:
विशेष रूप से बीमार और बुजुर्ग लोगों को भीड़भाड़ और खराब हवादार स्थानों में जाने से बचना चाहिए।
अस्पताल में इलाज करने वाले डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ रोगियों और उनके परिचारकों को फेस मास्क जरूर पहनना चाहिए।
भीड़भाड़ वाली और बंद जगहों पर फेस मास्क जरूर पहनें।
छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रुमाल या टिश्यू का इस्तेमाल करें।
हाथ की स्वच्छता बनाए रखें और बार-बार हाथ धोएं।
सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करें।
कोविड टेस्ट को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और लक्षण दिखते ही जांच कराया जाना चाहिए।
सांस की बीमारियों से पीड़ित होने पर व्यक्तिगत संपर्क करने से बचें।
अप्रैल में कोविड की तैयारी पर होगी मॉक-ड्रिल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से अस्पताल की तैयारियों का जायजा लेने को भी कहा, जिसमें दवाएं, एलसीयू बेड सहित बेड; चिकित्सा उपकरण, चिकित्सा ऑक्सीजन, मानव संसाधन की क्षमता, साथ ही टीकाकरण में तेजी। आदेश में कहा गया है कि 10 और 11 अप्रैल को कोविड को लेकर एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल की योजना बनाई जा रही है, जिसमें सभी जिलों से स्वास्थ्य सुविधाओं (सार्वजनिक और निजी दोनों) के भाग लेने की उम्मीद है। मॉक-ड्रिल का विवरण 27 मार्च को होने वाली वर्चुअल बैठक में राज्यों को सूचित किया जाएगा।
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